रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों पर जमकर वोट डालें गए है। निर्वाचन आयोग के आंकड़े इस बात का सबूत है कि सूबे के 20 सीटों में से नक्सल प्रभावित इलाकों के विधानसभा सीटों पर लोगों का जबरदस्त उत्साह दिखा है। हालांकि केवल बीजापुर विधानसभा सीट अपवाद रही। बीजापुर में महज़ 46 फीसदी ही मतदान हो पाया है, जबकि बस्तर में 84.65% सर्वाधिक मतदान दर्ज किया गया है।
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पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 12 विधानसभा क्षेत्र में पहली बार 126 नए मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। इन क्षेत्रों में मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। अब तक अतिसंवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से जहाँ मतदान केंद्र स्थापित नहीं होते थे, वहां पहली बार मतदान केंद्र स्थापित होने पर लोगों ने बढ़-चढ़कर चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लिया।
विधानसभा क्षेत्र चित्रकूट के मतदान केंद्र कालैपाल में साल 2018 में हुए मतदान का प्रतिशत मात्र 3.68 था, जिसे शिफ्ट करने के बाद मतदान कराया गया था। इस बार उसी मतदान केंद्र को गांव में वापस लगाने पर 65.30% मतदाता वोट देने पहुंचे।
वहीं केशकाल में कुएं एवं भांदरपाल में साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत शून्य था। जिसे अब वापस उसी गांव में स्थापित करने के बाद वहां 72 और 83 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। चांदमेटा में पहली बार मतदान केंद्र बनाया गया था, यहां 65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
दर्ज़ हुई छुटपुट नक्सल घटना
छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने चर्चा करते हुए कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कुछ छूट घटनाएं भी दर्ज हुई है। जिनमें सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी घायल हुए है। इनका तत्काल प्राथमिक उपचार कराया गया। वहीं कुछ पुलिस जवानों को इलाज़ के लिए रायपुर के विभिन्न अस्पतालों में दाखिल कराया गया है, जिनका इलाज़ जारी है।
हेलीकॉप्टर से भेजे 156 मतदान दल
निर्वाचन कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि प्रथम चरण में निर्वाचन संपन्न कराने के लिए 21 हजार 216 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। साथ ही 4 हजार 204 कर्मचारियों को रिजर्व रखा गया था। दुर्गम व संवेदनशील क्षेत्रों के मतदान केंद्रों में कुल 156 मतदान दलों को हेलीकाप्टर के माध्यम से भेजा गया था। उनकी भी सकुशल वापसी हो गयी है। मतदान दलों के अलावा 719 सेक्टर आफिसर लगाए गए थे। मतदान के दौरान तकनीकी समस्याओं के कारण कुल 62 बीयू, 54 सीयू और 123 वीवीपैट बदले गए।