मुंबई। भारतीय नौसेना की पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी वागीर (INS Vagir) को आज जल सेना को सौपा गया। वगीर (Submarine Wagir) को सौपने के लिए दक्षिण मुंबई के मझगांव डॉक में समारोह आयोजित किया गया था। जिसमें रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक की पत्नी विजया नाइक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पनडुब्बी INS Vagir का शुभारंभ किया।
भैयाजी ये भी पढ़े : भारतीय नौ सेना ने अफसरों के कहने पर शुरू किया अभ्यास
INS Vagir भारत में बन रही पनडुब्बियों का हिस्सा है। फ्रांसीसी नौसेना रक्षा और ऊर्जा कंपनी DCNS द्वारा डिजाइन की गई पनडुब्बियों को भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के हिस्से के रूप में बनाया जा रहा है।
#WATCH Maharashtra: MoS Defence Shripad Naik launches 5th scorpene class submarine 'Vagir' of Project 75 in Arabian sea waters at Mazagaon Dock, Mumbai through video conferencing. pic.twitter.com/EdK8JWqGKP
— ANI (@ANI) November 12, 2020
जल सेना के अफसरों ने बताया कि “ये पनडुब्बियां सतह-रोधी युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, ख़ुफ़िया जमाव, खदान बिछाने और क्षेत्र निगरानी जैसे अभियानों को अंजाम दे सकती हैं।”
ऐसे पड़ा नाम INS Vagir
वागीर का नाम सैंड फिश के नाम पर रखा गया है, जो हिंद महासागर का सबसे गहरा समुद्री शिकारी माना जाता है। रूस की एक पनडुब्बी, पहली वागीर को 3 दिसंबर, 1973 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था, जो लगभग 30 साल के बाद जून 2001 में ग़ायब हुआ था।
INS Vagir के बारे में बताया गया कि “इस पनडुब्बी का निर्माण करना वास्तव में एमडीएल के लिए एक चुनौती थी। एमडीएल ने कहा कि हमले को टॉरपीडो और ट्यूब लॉन्च किए गए है, वहीं इसमें एंटी-शिप मिसाइलों का भी काम हुआ है।”
इस शक्तिशाली प्लेटफॉर्म का स्टील्थ उसके विशेष अंडरवाटर साइन पर विशेष ध्यान देकर बढ़ाया गया है। यह स्टील्थ फीचर्स इसे एक अदृश्यता प्रदान करते हैं, जो कि ज्यादातर पनडुब्बियों द्वारा बेमिसाल है।”