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AI बनी वरदान, ठीक हो गया लकवाग्रस्त गोताखोर

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न्यूयॉर्क। गोताखोरी के दौरान हादसे के बाद लकवे का शिकार हुए 45 वर्षीय कीथ थॉमस के लिए एआइ (AI) वरदान बन गई। तीन साल पहले पहले एक पूल मे गोता लगाते वक्त थॉमस की गर्दन और रीढ़ की हड्डी फ्रेक्चर हो गई, जिससे गर्दन के नीचे का हिस्से में लकवा आ गया था।

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तीन साल बाद अब न्यूयॉर्क के फिन्स्टीन इंस्टीट्यूट के डॉ. चाड बॉटन और उनकी टीम ने एआइ की मदद से माइक्रोइलेक्ट्रोड प्रत्यारोपण किया और एक कंप्यूटर को थॉमस के मस्तिष्क से जोड़ा। इसके बाद थॉमस (AI) के शरीर में संवेदना दौड़ गई। इंस्टीट्यूट के डॉ. अशेष मेहता ने बताया कि दृढ़ संकल्प और सकारात्मकता के चलते थॉमस अत्याधुनिक सर्जरी के लिए आदर्श बन गए। मेहता ने कहा, थॉमस के एआइ संचालित मस्तिष्क प्रत्यारोपण ने चिकित्सा विज्ञान में संभावनाओं के नए द्वार खोल दिए।