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उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 335 पद खाली

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दिल्ली। देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों (COART) में न्यायाधीशों के 335 पद रिक्त हैं, जबकि जिला व अधीनस्थ अदालतों में स्वीकृत पदों के मुकाबले 5375 न्यायिक अधिकारियों की कमी है।

हालांकि पिछले तीन साल के दौरान एक मई 2021 से अभी तक उच्च न्यायालयों में 349 न्यायाधीश नियुक्ति किए गए हैं। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने गुरुवार को संसद (COART) के मानसून सत्र के पहले दिन लिखित जवाब में यह जानकारी दी। सांसद जेबी माथेर हीशम ने सदन में भारत न्याय रिपोर्ट-2022 का उल्लेख करते हुए सवाल पूछा था। इसके जवाब में मेघवाल ने कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम की सिफारिश के आधार पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करती है। साथ ही उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से कोई पद रिक्त होने के छह महीने पहले रिक्तियां भरने का प्रस्ताव करने की अपेक्षा रहती है।

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गत 14 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक उच्च न्यायालयों (COART) में स्वीकृत 1114 के मुकाबले 779 न्यायाधीश कार्यरत हैं और 335 रिक्तियां हैं। ये पद भरने के लिए 136 प्रस्ताव सरकार और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के बीच विभिन्न चरणों में प्रक्रियागत हैं। उच्च न्यायालयों से 199 रिक्तियों के संबंध में उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम से सिफारिश आनी बाकी है। यह कुल रिक्तियों का 59 प्रतिशत है।

उन्होंने बताया कि गत 11 जुलाई (COART) तक जिला व अधीनस्थ अदालतों में 25,245 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 19,870 न्यायिक अधिकारी ही कार्यरत हैं यानी 5375 पद रिक्त हैं। इन अदालतों में न्यायिक अधिकारियों के चयन व नियुक्ति का उत्तरदायित्व संबंधित उच्च न्यायालय व राज्य सरकार का है। केंद्र सरकार इस मामले में शामिल नहीं होती।