इंफाल। मणिपुर में जारी तनाव (MANIPUR HINSA) के बीच, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, अवैध सीमा पार आंदोलनों और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ नेतृत्व से मिलने के लिए म्यांमार की दो दिवसीय यात्रा की।
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इस यात्रा ने म्यांमार के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ भारत की सुरक्षा से संबंधित मामलों को उठाने का अवसर प्रदान किया। दोनों पक्षों ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि उनके संबंधित क्षेत्रों का उपयोग शत्रुतापूर्ण गतिविधियों के लिए करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
रक्षा सचिव ने इन लोगों से की मुलाकात
अपनी यात्रा (MANIPUR HINSA) के दौरान अरामाने ने प्यी ताव में राज्य प्रशासनिक परिषद के अध्यक्ष वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात की। उन्होंने म्यांमार के रक्षा मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) म्या तुन ऊ से भी मुलाकात की और म्यांमार नौसेना के कमांडर-इन-चीफ एडमिरल मो आंग और रक्षा उद्योग के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल खान म्यिंट थान के साथ बैठकें कीं।
म्यांमार की घटना का मणिपुर तक होता है असर
भारत म्यांमार (MANIPUR HINSA) के साथ लगभग 1,700 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। उस देश में होने वाले किसी भी घटनाक्रम का सीधा असर भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों पर पड़ता है। इसलिए भारत ने मणिपुर में हजारों सैनिकों को तैनात किया है और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर अतिरिक्त विशेष बल तैनात किए गए हैं।