दिल्ली। भारत में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) की छठी वर्षगांठ के अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को GST के लाभों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर ने पिछली सकार की तुलना में दरों में कमी लाकर उपभोक्ताओं के साथ न्याय किया है। उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी ने राज्यों और केंद्र सरकार दोनों के लिए कर उछाल में वृद्धि की है।
वित्त मंत्री ने गिनाए GST के लाभ
निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘GST ने पिछली व्यवस्था की तुलना में दरें कम करके उपभोक्ताओं के साथ न्याय किया है। जीएसटी लागू होने से पहले, भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली खंडित थी, जहां हर राज्य प्रभावी रूप से उद्योग के साथ-साथ उपभोक्ता के लिए एक अलग बाजार था।
जीएसटी अधिक कर उछाल लाया है, जिसके परिणामस्वरूप जीएसडीपी विकास से अधिक कर संग्रह बढ़ रहा है। इससे केंद्र और राज्य दोनों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हमें इस मिथक को दूर करना होगा कि जीएसटी के बाद राज्यों को नुकसान हो रहा है। आज, किसी भी राज्य को जीएसटी के बाद नुकसान नहीं हुआ है।’
गब्बर कहना शर्मनाक की बात
जीएसटी को ‘गब्बर सिंह’ टैक्स बताने और जीएसटी (GST) से बोझ बढ़ने की बात को वित्त मंत्री ने शर्मनाक बताया और राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि जीएसटी वास्तव में आम नागरिक के लिए राहत लेकर आया है।
वित्त मंत्री ने कहा, बालों के तेल, टूथपेस्ट, साबुन, परफ्यूम और डिटर्जेंट पर, जीएसटी से पहले औसत कर का बोझ लगभग 28 प्रतिशत था, जिसे जीएसटी के तहत घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया। कोई कह रहा था, जीएसटी वास्तव में एक बोझ लेकर आया है, इसे ‘गब्बर सिंह’ टैक्स कहा जा रहा है। यह काफी शर्म की बात है। जीएसटी जैसा कदम वास्तव में आम नागरिक के लिए राहत लेकर आया।
पिछले साल की तुलना GST राजस्व संग्रह बढ़ा
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि लोगों के लाभ के लिए कई सामान्य उपयोग वाली वस्तुओं और सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि कई सामान्य उपयोग वाली वस्तुओं और सेवाओं को पूरी तरह से जीएसटी से छूट दी गई है, जैसे कि चावल, गेहूं, आटा, दही, आदि।
स्वास्थ्य देखभाल और शैक्षिक सेवाएं, सार्वजनिक परिवहन सेवाएं, और जैसी सेवाएं कृषि सेवाओं को भी जीएसटी से छूट दी गई है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी की जून महीने में भारत का GST राजस्व संग्रह 1,61,497 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के इसी महीने में एकत्र राजस्व से 12 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्रालय ने कहा, नियमित निपटान के बाद जून 2023 के महीने में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 67,237 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 68,561 करोड़ रुपये है।