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सीएनजी से चलने वाली टैक्सियों की परमिट वैधता सरकार ने 15 साल बढ़ाई

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दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) या अन्य स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली सभी टैक्सियों के कॉन्ट्रैक्ट कैरेज परमिट की वैधता 15 साल तक बढा दी है।

यह फैसला दिल्ली एनसीआर में अलग अलग श्रेणियों में चलने वाली टैक्सियों की परमिट अवधि में असमानता को दूर करने के लिए किया गया है। इसके लिए दिल्ली के परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिया।

आदेश में कहा गया है कि परमिट की वैधता में यह विस्तार मोटर वाहन अधिनियम, 1988 तथा अन्य सभी शर्तों को पूरा करने वाली टैक्सियों पर लागू होगा। इससे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र (CNG)  में हजारों टैक्सी मालिकों को राहत मिलेगी। विभाग ने कहा है कि विस्तारित परमिट के लिए टैक्सी मालिकों के लिए प्रासंगिक अधिनियमों को पूरा करना जरूरी होगा। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि विसंगति को दूर करते हुए सीएनजी संचालित टैक्सियों के लिए परमिट वैधता 15 साल बढ़ाने का फैसला किया है। इससे पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्पों को बढ़ावा देने और शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने में भी मदद मिलेगी।

परमिट अवधि में थी असमानता: गहलोत

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि इसे लेकर टैक्सी मालिकों (CNG) की ओर से लगातार मांग की जा रही थी। परिवहन विभाग के अध्ययन में भी सामने आया था कि दिल्ली एनसीआर में अनुबंध कैरिज परमिट के तहत चलने वाली टैक्सियों की विभिन्न श्रेणियों के बीच परमिट की अवधि में असमानता है। अब तक डीएल1आरटी के साथ सिटी टैक्सी योजना-2015 में पंजीकृत टैक्सियों की परमिट वैधता आठ वर्ष ही थी। जबकि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में परिभाषित वाहन की आयु के अनुरूप काली-पीली कैब और अन्य श्रेणियों वाली टैक्सियों की वैधता 15 वर्ष थी।