दिल्ली। अरब सागर में बना चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (BIPARJOY TOOFAN) गुरुवार शाम गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के तट पर टकरा गया। तट पर शाम करीब 6 बजे से लैंडफॉल शुरू हुआ, जो देर रात तक जारी रहा। इस दौरान सौराष्ट्र के तटीय इलाकों में हजारों पेड़ व बिजली के खंभे उखड़ गए। सैकड़ों कच्चे मकान ध्वस्त हो गए। कई इलाकों में समुद्र का पानी घुस गया है।
वहीं ओखा बंदरगाह पर बंधीं नावें क्षतिग्रस्त हो गईं। मौसम विभाग का कहना है कि लैंडफॉल के बाद आगे बढ़ता हुआ बिपरजॉय शुक्रवार दोपहर को दक्षिणी राजस्थान पहुंचने पर कमजोर पड़ जाएगा और कम दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा। इस दौरान लगभग 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और भारी बारिश होगी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आएमडी) के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र (BIPARJOY TOOFAN) ने बताया कि बिपरजॉय के पहुंचने पर सौराष्ट्र, कच्छ में भारी बारिश हो रही है। क्षेत्र में 115 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। अभी और तेज बारिश की संभावना है। पेट्रोल पंपों पर भी नुकसान हुआ है। समुद्र में 3 से 6 मीटर तक की लहरें उठती रहीं। बिपरजॉय ने राजस्थान में असर दिखाना शुरू कर दिया है।
एक लाख लोगों को कैंपों में भेजा
कच्छ, जामनगर, मोरबी, राजकोट, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर और गिर सोमनाथ (BIPARJOY TOOFAN) के आठ तटीय जिलों में 1 लाख लोगों को अस्थायी कैंपों में भेजा गया है। सेना की भुज, जामनगर, गांधीधाम के साथ-साथ नलिया, द्वारका और मांडवी में 27 राहत टुकड़ियां तैनात हैं। वायुसेना के हेलिकॉप्टरों को भी तैयार रखा गया है। बिपरजॉय का प्रभाव गुजरात-राजस्थान में अधिक होगा।
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