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शैक्षणिक सत्र शुरू होने के पहले सभी छात्रावासों और आश्रमों को दुरूस्त करने के निर्देश

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पहले सभी छात्रावासों और आश्रमों को दुरूस्त किया जाएगा। इनमें विद्यार्थियों के लिए सभी आवश्यक इंतेजाम किए जाएंगे। इस संबंध में आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए है।

सभी सहायक आयुक्तो को प्रत्येक छात्रावास-आश्रम के लिए निगरानी समिति गठित कर हर माह इस समिति की बैठक आहूत करने और इस दिन पालक-बालक सम्मेलन आयोजित करने के निर्देश दिए गए है। कन्या छात्रावास-आश्रमों की विशेष निगरानी करने भी कहा गया है। निर्देश में कहा गया है कि संचालित सभी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क भोजन, शुद्ध स्वच्छ पेयजल, विद्युत, भवन, योग, स्वास्थ्य परीक्षण, ट्यूशन के साथ ही उन्हें अनिवार्य रूप से नाश्ता दिया जाए। नाश्ते में मिलेट का उपयोग किया जाए। बस्तर एवं सरगुजा संभाग के 300 विद्यार्थियों के लिए राज्य भ्रमण कराने की योजना का भी क्रियान्वयन किया जाए।

सभी सहायक आयुक्त स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के साथ ही अपने जिले की संस्थाओं का रंग-रोगन प्राकृतिक पेंट से करवाया जाए। स्वच्छता संबंधी निर्देश और हाथ धुलाई के चित्र अनिवार्य रूप से दीवारों पर अंकित कराने कहा गया है। विद्यार्थियों को खाने से पहले हाथों को साबून से धोना और साफ कपड़ो से पोछना अनिवार्य कराया जाए। ऐसे मरम्मत कार्य जिससे पढ़ाई प्रभावित होती है जैसे छत, फर्श, शोचालय आदि की मरम्मत सत्र प्रारंभ होने के पूर्व पूर्ण करा लिया जाए। छात्रावासों के आंतरिक दीवारों पर ज्ञानवर्धक चित्र, उपयोगी सामान्य ज्ञान, समय-सारणी तथा छात्रावास-आश्रम से जुड़े अधिकारियों के महत्वपूर्ण टेलीफोन एवं मोबाईल नंबर का उल्लेख किया जाए।

छात्रावास-आश्रमों मेें प्रवेश के लिए प्राचार्यो, प्रधानाचार्यो और अधीक्षकों के साथ बैठक कर स्कूलों से निम्न आय वर्ग के प्रतिभावान बच्चों के सूची तैयार करने और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नियमानुसार प्रवेश दिलाने के निर्देश भी दिए गए हैं। रिक्त सीटों पर प्री-मेट्रिक छात्रावासों में कक्षा 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को नियमानुसार प्रवेश दिया जाए। कन्या छात्रावास एवं आश्रम में पक्का भवन, अधीक्षक, चौकीदार एवं नगर सैनिक के लिए आवास गृह होना चाहिए। अधीक्षक का आवास गृह उसी भवन परिसर में हो तो उसके लिए पृथक निकासी द्वार की व्यवस्था की जाए। भवन में अहाता, बिजली, पेयजल तथा शौचालय समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। कन्या छात्रावास-आश्रमों में महिला नगर सैनिक पदस्थ किए गए है, किन्तु जिन कन्या संस्थाओं में महिला नगर सैनिक पदस्थ नही है, वहां पर रात्रि काल में महिला चौकीदार की व्यवस्था की जाए।
यह भी कहा गया है कि जिन छात्रावासों में पर्याप्त स्थान एवं बाउंड्री वाल है वहां बागवानी अवश्य बनाई जाए। मौसमी सब्जी उगाई जाए और बच्चों को भोजन में परोसा जाए। प्रतिमाह समय पर शिष्यवृत्ति का आहरण करें और मेस समिति द्वारा मेस संचालन कराने पूर्ण सहयोग दे। शिष्यवृत्ति का पूरा हिसाब रखें और बचत राशि को पालक-बालक सम्मेलन में रखकर उसके उपयोग पर चर्चा कर सहमति के बाद व्यय करें। ’स्वस्थ्य तन स्वस्थ्य मन’ योजना अंतर्गत निजी चिकित्सक द्वारा रविवार के दिन स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। प्राथमिक चिकित्सा पेटी भी लाकर छात्रावास में रखी जाए। जिन छात्रावास-आश्रम के नजदीक कोई भी स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है, वहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के सहयोग से चिकित्सकों द्वारा बच्चों की मासिक चिकित्सा जांच की व्यवस्था की जाए और इसे स्वास्थ्य पंजी में दर्ज किया जाए।