भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन के पटरी से उतर जाने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 233 हो गई है, जबकि कम से कम 900 से अधिक लोग घायल हुए हैं। राज्य के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने शनिवार को इसकी पुष्टि की। शुक्रवार की शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीटी-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए। यह हादसा पिछले 15 वर्षों में देश में सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एक है। मुख्य सचिव ने कहा कि 30 बसों के साथ 200 से अधिक एंबुलेंस को सेवा में लगाया गया है। रेलवे ने ए.एम.चौधरी, सीआरएस/एसई सर्किल द्वारा घटना की जांच की घोषणा की है।
एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ, ओडिशा अग्निशमन सेवा के साथ-साथ कई स्वयंसेवी संगठनों ने रात भर क्षतिग्रस्त कोचों के ढेर में फंसे बचे लोगों और शवों की तलाश जारी रखी। दिल्ली में रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरे मलबे की छानबीन के बाद ही हताहतों की सही संख्या स्पष्ट हो सकेगी। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान अभी भी जारी है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शनिवार को ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना के स्थान पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। हादसे में अब तक 233 लोगों की मौत होने की पुष्टि हो चुकी है। दुर्घटनास्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए वैष्णव ने कहा, हमारा मुख्य ध्यान घायलों के बचाव, उपचार और यात्रियों की जानकारी उनके रिश्तेदारों तक पहुंचाने की है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घटना की विस्तृत उच्च-स्तरीय जांच की जाएगी और रेल सुरक्षा आयुक्त भी इस दुर्घटना की स्वतंत्र जांच करेंगे। गौरतलब है कि इस हादसे को पिछले 15 वर्षों में देश में हुई सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक माना जा रहा है। दुर्घटना के कारण के बारे में पूछे जाने पर, जिसमें 900 से अधिक लोग घायल हो गए, मंत्री ने कहा, जांच पूरी होने के बाद ही कारण का पता लगाया जा सकता है।
इस बीच, स्थिति और बचाव अभियान की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
उन्होंने एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
ओडिशा सूचना और जनसंपर्क विभाग ने कहा, बहानागा में दुखद रेल दुर्घटना के मद्देनजर, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक दिन के राजकीय शोक का आदेश दिया है। इसलिए राज्य में तीन जून को कोई राज्य उत्सव नहीं होगा। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है।
कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीटी-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस के पलटे हुए 17 डिब्बों को यह देखने के लिए हटाया जा रहा है कि कहीं कोई अब भी डिब्बों के नीचे फंसा तो नहीं है।