रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम हमले को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। जीरम घाटी की दसवीं बरसी पर मीडिया से बातचीत करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि यूपीए सरकार में गठित एनआईए की टीम झीरम हमले में व्यापक षडयंत्र की जांच कर रही थी।
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लेकिन केन्द्र में मोदी की सरकार बनने के बाद जांच का दायरा छोटा कर षडयंत्र की जांच नही की गई। इतना ही नही घटना की एफआईआर में से नक्सली नेता गणपति और रमन्ना का नाम भी हटा दिया गया। भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हमने पूरे मामले की जांच कराने की कोशिश की। दो सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया लेकिन तत्कालिन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक कोर्ट जाकर स्टे ले आए।
उदय मुदलियार के बेटे ने एफआईआर कराई उसके खिलाफ एनआईए स्टे ले आई और जांच करने से रोका गया। भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी को बताना चाहिए कि किसकों बचाने के लिए बार-बार जांच को प्रभावित किया गया। भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी को बताना चाहिए कि किसके कहने से एनआईए के अधिकारी ने झीरम की एफआईआर से गणपति और रमन्ना का नाम हटाया था।
रिपोर्ट सरकार के बजाए राज्यपाल को क्यों
भूपेश बघेल ने न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट उजागर किए जाने के सवाल पर कहा कि न्यायिक आयोग का गठन राज्य सरकार ने किया था। इस लिहाज से रिपोर्ट राज्य सरकार को या चीफ सेक्रेटरी को प्रस्तुत किया जाना चाहिए था लेकिन रिपोर्ट राज्यपाल को प्रस्तुत किया गया। ऐसा कही नही होता है।
केन्द्र में हमारी सरकार आने पर होगा न्याय
भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम हमले में शहीद परिवारों को अभी भी न्याय मिलना बाकी है। बीजेपी नेता सबूत की बात करते हैं। सबूत यही है कि एफआईआर में रमन्ना और गणपति का नाम था उसे बाद में हटाया गया। पहले षडयंत्र की जांच भी हो रही थी बाद में षडयंत्र की जांच नही की गई। भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि केन्द्र में कांग्रेस की सरकार आने के बाद पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा और पूरे मामले में दुध का दुध और पानी का पानी हो जाएगा।