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Video : झीरम हमले पर बोले भूपेश, भाजपा कुछ दबाना-छिपाना चाहती है…

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रायपुर। झीरम हमले की बरसी के दौरान इस मामलें में एक बार फिर सियासी बयान बाज़ी तेज़ हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं झीरम घटना को लेकर अलग अलग तरह से एक दूसरे पर राजनैतिक आरोप मढ़ रहे है।

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अब इस मामलें में सूबे के मुखिया भूपेश बघेल ने एक बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि “झीरम की घटना हमारे लिए भावनात्मक विषय है।” उन्होंने इस हमले को एक बार फिर राजनैतिक षड्यंत्र क़रार देते हुए कहा कि “आज तक किसी भी नक्सली हमले में नाम पूछकर लोगों को मारा गया ?”

सीएम बघेल ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि “हमारे पास सबूत हैं, मगर किसको दें, उस NIA को दें। जिसने झीरम कांड के जीवित लोगों से पूछताछ तक नहीं की। उस NIA से बात करें, जिससे जांच वापस राज्य सरकार ने मांगी तो वो हाईकोर्ट चले गए, सुप्रीम कोर्ट चले गए। खुद जांच नहीं कर रहे और हमें जांच करने दे नहीं रहे। आखिर डर क्यों हैं भाजपा को ?”

जाँच के लिए SIT बनाई तो कोर्ट क्यों गए

सीएम बघेल ने आगे कहा कि “राज्य सरकार ने एसआईटी बनाई तो जांच होने देते, कोर्ट क्यों गए। रिपोर्ट जमा कहां की, राजभवन में, आज तक ऐसा नहीं हुआ। इसमें सब कुछ दिख रहा है, कुछ न कुछ भाजपा छिपाने का प्रयास कर रही है। यदि सही हैं और एनआईए जब जांच पूरी कर चुकी है तो उसे राज्य सरकार को सौंपें। हमने एचएम समेत सभी को पत्र लिखा।”

नक्सली पूछ के मार रहे थे जो आज तक नहीं हुआ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीराम हमले से जुड़े कुछ सवाल के जवाब केंद्र सरकार और NIA से मांगे है। उन्होंने कहा कि “दो तीन सवाल हैं, जिनके जवाब मिलने चाहिए, क्यों रोड ओपनिंग पार्टी को हटाया गया। नक्सली पूछ-पूछकर मार रहे थे, दिनेश पटेल कौन है, नंदकुमार पटेल कौन है, आज तक ऐसा नहीं किया, नक्सलियों ने और नेताओं को और सुरक्षा क्यों नहीं दी गई ?

NIA को निर्देश देने वाले जज के घर में फेंका बम

मुख्यमंत्री बघेल ने आगे बताया कि एनआई की कोर्ट ने कहा था कि नक्सली जो सरेंडर कर चुके हैं, तेलंगाना में उनका बयान लिया जाए। एनआईए ने पूछताछ तक नहीं की और जज का ट्रांसफर करा दिया गया । उनके घर में सुतली बम फेंका गया, डराया गया। साफ है भाजपा इस मामले में कुछ दबाना छिपाना चाहती है। इतनी बड़ी घटना पर अब उटपटांग बयान देते हैं, निर्लज हैं, ये लोग शर्म भी नहीं आती , इतने नेताओं की सुरक्षाकर्मियों की जान गई, इनको राजनीति सूझ रही है, हमारे लिए ये भावनात्मक मामला है।”