भुवनेश्वर। ओडिशा के सीएम और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक (NAVEEN PATNAYAK) इन दिनों चर्चा में है। पटनायक ने 13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव हारने वाली भाजपा पर हमला किया और कहा कि सिंगल या डबल इंजन महत्वपूर्ण नहीं है। लोगों के लिए शासन महत्वपूर्ण है। जन समर्थक शासन हमेशा जीतता है।
नीतीश और ममता से मुलाकात
हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पटनायक (NAVEEN PATNAYAK) से चर्चा की थी। हालांकि, नेताओं ने कहा है कि उन्होंने किसी भी राजनीतिक या गठबंधन पर चर्चा नहीं की, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ममता और नीतीश कुमार दोनों यहां तीसरे मोर्चे के गठन के लिए पटनायक का समर्थन लेने आए थे। इसके बाद नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक के तुरंत बाद, पटनायक ने घोषणा की कि वह तीसरे मोर्चे में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। उन्होंने एलान किया कि बीजद अगला चुनाव अकेले ही लड़ेगी।
2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगा बीजद
2009 में बीजद-भाजपा गठबंधन सरकार के टूटने के बाद, नवीन पटनायक (NAVEEN PATNAYAK) भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी बनाए हुए हैं। इसके अलावा, उन्होंने नीतीश कुमार और ममता बनर्जी जैसे विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे हैं। यह देखा गया है कि पटनायक और उनकी पार्टी बीजद के नेताओं ने हमेशा अपना हमला ओडिशा भाजपा या कांग्रेस नेताओं तक ही सीमित रखा।
कांग्रेस का बड़ा दावा
तीसरे मोर्चे से बाहर रहने के बीजद (NAVEEN PATNAYAK) के फैसले पर टिप्पणी करते हुए, कांग्रेस नेता ताराप्रसाद बाहिनीपति ने कहा कि पटनायक ने यह फैसला इसलिए लिया ताकि सीबीआई, ईडी और आईटी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां ओडिशा में सक्रिय न हों। उन्होंने कहा कि अगर वह तीसरे मोर्चे में शामिल होते हैं तो सीबीआई और ईडी बीजद नेताओं के यहां छापेमारी शुरू कर देंगे। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि बीजद के फैसले का ओडिशा की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा क्योंकि अगले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं।