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ऊंटपटांग बयानों से कमजोर पड़ी कांग्रेस, भाजपा को लिंगायत वोट बैंक का मिले साथ तो रच सकती है इतिहास

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दिल्ली। कर्नाटक (KARNATAK CHUNAV) में जैसे-जैसे मतदान की तारीख करीब आ रही है। भाजपा और कांग्रेस के बीच घमासान तेज होता जा रहा है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है, लेकिन कांग्रेस नेताओं के हालिया बयान भारी पड़ सकते हैं।

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पिछली चुनावी हार से सबक न लेते हुए हुए कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी हमले कर रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जिन पर कर्नाटक में जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है, ऐसे मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी के जहरीले सांप वाला बयान दिया। राजनीति के जानकारों का मानना है कि ऐसा बयानों से कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस कमजोर पड़ी है।

लिंगायत वोट बैंक लगा सकता है भाजपा की नैया पार

दूसरी ओर भाजपा लिंगायत वोट बैंक (KARNATAK CHUNAV)  के दम पर लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का इतिहास रच सकती है। भाजपा बीएस येदियुरप्पा समेत अपने तमाम लिंगायत नेताओं को एक साथ रखने में कामयाब रही है। कांग्रेस नेताओं ने येदियुरप्पा पर निशाना साधते समय उन्हें भ्रष्ट लिंगायत मुख्यमंत्री कहा है। माना जा रहा है कि लिंगायत समुदाय को यह बात गले नहीं उतरी है। इन हालात में भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी जैसे प्रमुख लिंगायत नेताओं के पार्टी छोड़कर कांग्रेस में जाने से हुए नुकसान की भरपाई करती नजर आ रही है।

20 सीटों का नतीजा तय करेगा मोदी प्रचार

प्रधानमंत्री मोदी कम से कम बीस सीटों के नतीजों (KARNATAK CHUNAV) पर प्रभाव डाल सकते हैं। इससे पूरे विधानसभा चुनाव की दिशा तय होगी। यही कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चिंता का सबब है। कांग्रेस के पास प्रधानमंत्री जितना प्रभावी कोई नेता नहीं है, लेकिन प्रियंका वाड्रा को भरपाई के लिए उतारने की रणनीति है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी के मुकाबले प्रियंका ज्यादा नजर आएंगी। कांग्रेस और भाजपा दोनों की ओर से बहुमत का दावा किया जा रहा है लेकिन सच्चाई यह है कि अंदरूनी तौर पर कोई भी इसे लेकर बहुत आश्वस्त नहीं है।