दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के मंगलवार को जारी नए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) में पुराणों, वेदों, धर्मशास्त्रों, ज्योतिष आदि भारतीय ज्ञान परंपरा के अन्य आयामों को भी शामिल करने की पहल की गई है। इसमें भारतीय ज्ञान परंपरा की 18 प्रमुख विद्याओं और 64 कला कौशल आदि का उल्लेख किया गया है।
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आयोग ने जारी किया नोटिस
आयोग (UGC) ने जारी नोटिस में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सामान्य शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया है। नोटिस के साथ एनसीआरएफ रिपोर्ट को संलग्न करते हुए सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों से इसे लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया गया है।
क्रेडिट प्रदान करने का किया गया प्रविधान
एनसीआरएफ में विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल करने वालों को क्रेडिट प्रदान करने का प्रविधान किया गया है। एनसीआरएफ में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों में एक अहम मुद्दा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने वालों को क्रेडिट प्रदान करने का है।
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने वालों को क्रेडिट प्रदान करने को खेल, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक कार्य, मंचीय कला, ललित कला, परंपरा, धरोहर, साहित्य, भारतीय ज्ञान परंपरा आदि क्षेत्रों में बढ़ावा दिया जाए। इसके तहत खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय खेल, फेडेरेशन गेम्स, राष्ट्रीय चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई चैंपियनशिप, एशियाड, वर्ल्ड चैंपियनशिप, विश्व कप, ओलंपिक आदि में विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले प्रतियोगी शामिल हैं।
नृत्य नाटिका, संगीत, भारतीय शास्त्रीय संगीत से जुड़े लोग हैं शामिल
इस तरह (UGC) कला क्षेत्र में नृत्य नाटिका, संगीत, भारतीय शास्त्रीय संगीत के अलावा पारंपरिक कला कौशल हासिल करने वाले तथा शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य सेवा आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट सामाजिक सेवा करने वाले लोग शामिल हैं। नवोन्मेष एवं स्टार्टअप में कृषि एवं ग्रामीण विकास में स्वदेशी प्रोद्योगिकी के विकास में खास विशेषज्ञता रखने वाले शामिल हैं।