दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस में आए दिन आपसी मतभेद की खबरें आती रहती हैं। सचिन पायलट (SACHIN PILOT) और अशोक गहलोत गुट में टकरार इस चरम पर आ गई है कि अब वो सड़क तक आ पहुंची है। पायलट ने तो इस बार अपनी सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।
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पूर्व उपमुख्यमंत्री कांग्रेस के बड़े नेताओं की चेतावनी के बावजूद आज राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन कर रहे हैं। पायलट ने बीते दिनों एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि वो सीएम गहलोत को कई दफा भाजपा की वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने के लिए चिट्ठी लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने इसी कारण 11 अप्रैल को एक दिन का अनशन करने का ऐलान किया। हालांकि, उन्होंने किसी को भी इसके लिए आमंत्रित नहीं किया, लेकिन इस अनशन में पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक और उनके गुट के कार्यकर्ताओं के पुहंचने की उम्मीद है।
सचिन पायलट (SACHIN PILOT) के उपवास से एक दिन पहले, कांग्रेस ने सोमवार रात पूर्व उपमुख्यमंत्री को कड़ी चेतावनी तक दे डाली। पार्टी ने कहा कि अगर सचिन ये अनशन करते हैं तो यह पार्टी विरोधी गतिविधि होगी। दरअसल, कांग्रेस के एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने ट्वीट कर कहा कि सचिन का यह कदम गलत और पार्टी विरोधी है। उन्होंने कहा कि मैं 5 महीने से ज्यादा समय से प्रदेश प्रभारी हूं, लेकिन पायलट ने आज तक मुझसे कोई ऐसी बात नहीं की।
जानकारी के अनुसार, रंधावा ने पायलट (SACHIN PILOT) से फोन पर भी बात की और समझाने की कोशिश की। इसके बावजूद पायलट नहीं माने और प्रदेश प्रभारी से कहा कि उनकी लड़ाई भाजपा के भ्रष्टाचार से है न कि कांग्रेस पार्टी से। माना जा रहा है कि पायलट आज ‘मौन व्रत’ पर बैठकर भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग करेंगे, लेकिन कांग्रेस पार्टी के खिलाफ नहीं बोलेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पायलट के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता गजेंद्र सिंह शेखावत, जो वर्तमान में केंद्रीय कैबिनेट में जल संसाधन मंत्री हैं, उनके खिलाफ संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले की जांच चल रही है।