रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय से गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 32 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी किया। इसके अंतर्गत 16 मार्च से 31 मार्च तक खरीदे गए 1 लाख 45 हजार क्विंटल गोबर के एवज में 2 करोड़ 91 लाख रूपए का भुगतान किए जाने के साथ ही गौठान समितियों को 1.43 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 98 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल है।
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इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. अय्याज एफ. तम्बोली मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित हैं, तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा और राज्य नोडल अधिकारी RIPA गौरव सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना में हम लोगों ने निरंतर उपलब्धियां हासिल की है, लेकिन स्वावलंबी गौठानों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है, वह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ही अपने गांवों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना है। गोबर विक्रेताओं को दी जा रही राशि में से 01 करोड़ 67 लाख रुपए की राशि स्वावलंबी गौठानों की ओर से स्वयं भुगतान की जा रही है। जबकि विभाग की ओर से 01 करोड़ 24 लाख रुपए का भुगतान किया जा रहा है।
हर महीने प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय
गौठान समितियों को स्वावलंबन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हम लोगों ने स्वावलंबी गौठान समिति के अध्यक्षों को 750 रुपए और सदस्यों को 500 रुपए हर महीने प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। किसान भाइयों को यह खुशखबरी तो पहले ही मिल चुकी होगी कि आने वाले नवंबर महीने से अब 20 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान की खरीदी की जाएगी। इसकी मांग किसान भाइयों द्वारा बहुत लंबे समय से की जा रही थी।
निश्चित रूप से इसका लाभ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा, इसी तरह राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का भी अब विस्तार कर दिया गया है। अब नगर पंचायतों और अनुसूचित क्षेत्र की नगर पालिकाओं के भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए भूमिहीन कृषि मजदूर 15 अप्रैल तक अवश्य आवदेन कर दें।
सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण और बेरोजगारी भत्ता
01 अप्रैल से गांवों में सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण भी शुरू किया गया है, क्योंकि 2011 के बाद से जनगणना ही नहीं हो पाई है। इस सर्वेक्षण से नये हितग्राही भी चिन्हित होंगे। उन्हें भी आवास, गैस सिलेंडर, शौचालय जैसी योजनाओं का लाभ मिल पाएगा। 01 अप्रैल से ही शिक्षित बेरोजगारों से बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन लेना भी शुरू कर दिया है।
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इसके लिए उन्हें ऑन लाइन आवेदन की सुविधा दी गई है। पहले ही दिन 6000 से ज्यादा बेरोजगारों के आवेदन मिले, जिसे उसी दिन मंजूर भी कर लिया गया। आज इस कार्यक्रम के माध्यम से जिन किसानों, गोबर विक्रेताओं, पशुपालकों, गौठान समितियों और स्व सहायता समूहों के खाते में राशि का अंतरण हो रहा है, उन सभी को बहुत बधाई।