दिल्ली। केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा सामग्री के उत्पादन से जुड़ी कंपनियों को बड़े क्रय आदेश मिले हैं। रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने बुधवार को भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ दो सौदों और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ एक सौदे पर हस्ताक्षर किए। तीनों सौदे करीब 5,400 करोड़ रुपये की धनराशि के हैं।
सैन्य उपकरणों के लिए हुआ सौदा
बीईएल गाजियाबाद के साथ पहला सौदा ऑटोमैटेड एयर डिफेंस कंट्रोल एंड रिपोर्टिंग सिस्टम की खरीद का हुआ है। प्रोजेक्ट आकाशतीर नाम के ये उपकरण 1,982 करोड़ रुपये में थलसेना के लिए खरीदे जाएंगे। बीईएल हैदराबाद के साथ दूसरा सौदा सारंग इलेक्ट्रानिक सपोर्ट मीजर (ईएसएम) सिस्टम की खरीद के लिए हुआ है।
नौसेना के लिए 412 करोड़ रुपये का सौदा
बता दें कि यह सौदा 412 करोड़ रुपये (Ministry of Defence) का हुआ है। इन उपकरणों का इस्तेमाल नौसेना करेगी। जबकि एनएसआईएल से आधुनिक कम्युनिकेशन सेटेलाइट जीएसएटी 7 बी तैयार करने के लिए समझौता हुआ है। 2,963 करोड़ रुपये के इस सेटेलाइट से भारतीय सेना को संवाद संबंधी काफी सुविधाएं मिलेंगी। एनएसआईएल अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत कार्य करने वाली सरकारी संस्था है।
6,828 करोड़ में एचएएल से खरीदा जाएगा विमान
रक्षा उपकरण (Ministry of Defence) बनाने वाले सरकारी क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को भारत सरकार की ओर से 6,828 करोड़ रुपये का क्रय आदेश मिला है। एचएएल इस धनराशि से 70 एचटीटी-40 विमान तैयार करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सौदे को स्वीकृति दी है। केंद्र सरकार के ताजा क्रय आदेश से एचएएल के करीब तीन हजार अधिकारियों और कर्मचारियों को काम मिलेगा।