दिल्ली। सीबीआई ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती में अधिक वजन वाले उम्मीदवारों के मेडिकल रिकार्ड में हेरफेर करने के आरोप में मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और छह अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
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एफआइआर में बीएसएफ कोलकाता में सीएमओ डा एस के झा; सीएमओ बीएसएफ जोधपुर, डा मृणाल हजारिका, बीएसएफ जालंधर में विशेषज्ञ डा बानी सैकिया चेतला, विक्रम ¨सह देवठिया, गगन शर्मा, गुरजीत ¨सह जुनेजा, मुकुल व्यास और अन्य व्यक्ति के नाम शामिल हैं। प्राथमिकी बीएसएफ की एक जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई है।
भर्ती परीक्षा CAPF के विभिन्न केंद्रों पर की गई आयोजित
गृह मंत्रालय द्वारा केंद्रीय सशस्त्र के लिए चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) को नोडल बल के रूप में नामित किया गया था। भर्ती परीक्षा सीएपीएफ के विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसके बाद साक्षात्कार बोर्ड के अध्यक्ष पीवी राम शास्त्री ने आइटीबीपी के डीजी को सूचित किया कि मेडिकल परीक्षा में अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित किए गए उम्मीदवार चिकित्सा परीक्षा की समीक्षा (आरएमई) में फिट कैसे हो गए? यह जांच का विषय है।
पांच उम्मीदवारों का वजन कम पाया गया
जांच में बीएसएफ के तीन चिकित्सा अधिकारियों वाले आरएमई (CAPF) ने शारीरिक मानक परीक्षण (पीएसटी) की तारीख के ठीक तीन दिनों के बाद समीक्षा चिकित्सा परीक्षण किया और शारीरिक मानक परीक्षण (पीएसटी) के दौरान दर्ज वजन की तुलना में ऐसे पांच उम्मीदवारों के वजन को कम पाया गया। इस मामले में एक उम्मीदवार का वजन पांच मार्च, 2022 को 91.820 किलोग्राम था, जबकि मेडिकल रिव्यू बोर्ड ने आठ मार्च, 2022 को 10.280 किलोग्राम के अंतर के साथ उसका वजन 81 किलोग्राम दर्ज किया था।