धार। नर्मदा नदी पर गुजरात में बने सरदार सरोवर बांध (SAROVAR BANDH) में मार्च में जलस्तर कम होने से अब महज 37 प्रतिशत पानी शेष रह गया है। अगर जलस्तर इसी तेजी से घटता रहा तो मध्य प्रदेश के चार जिलों की 140 किमी की परिधि के पांच लाख लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही नर्मदा नदी में रहने वाले जीव-जंतुओं पर जिंदगी जीने का संघर्ष शुरू हो जाएगा। 26 मार्च को धार जिले के कोटेश्वर तीर्थ पर नर्मदा का जलस्तर 124.45 मीटर था, जो एक मार्च को 129.52 मीटर दर्ज किया गया था।
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इस सत्र 2022 -23 में अगस्त में बांध 138.68 मीटर (SAROVAR BANDH) पूर्ण जल संग्रहण क्षमता तक भर गया था। अगस्त 2022 से फरवरी 2023 के मध्य छह माह में 10 मीटर जलस्तर कम हुआ तो वहीं मार्च में पांच मीटर महज 26 दिन में कम होना चिंता बढ़ा रहा है। 2017 और 2018 में जब नर्मदा का जल स्तर क्रमश: 117 और 119 मीटर तक आ गया था तब इन चार जिलों में जल संकट की स्थिति बनी थी। चिंता यही है कि अगर जल स्तर ज्यादा नीचे गया तो फिर वही स्थिति बन सकती है।
गुजरात की नहर में पानी की मात्रा में बढ़ोतरी
सरदार सरोवर बांध स्थल (SAROVAR BANDH) के सूत्रों के अनुसार, मार्च में नहरों में पानी की मात्रा बढ़ाई गई है। नहरों का पानी गुजरात और राजस्थान के अंतिम क्षेत्रों तक पहुंचाया जा रहा है और कारखानों को भी लगातार पानी दिया जा रहा है। इस कारण तेजी से बांध में जलस्तर कम हुआ है।