spot_img

बिहार में शराबबंदी का अध्ययन कर आज लौटेगी छतीसगढ़ टीम, जहां प्रतिबंध, वहां भी आसानी से उपलब्ध

HomeCHHATTISGARHबिहार में शराबबंदी का अध्ययन कर आज लौटेगी छतीसगढ़ टीम, जहां प्रतिबंध,...

रायपुर। शराबबंदी के लिए बनी राजनीतिक कमेटी (RAIPUR NEWS) ने बिहार के वैशाली, नालंदा और गया में दौरा कर लिया है। इस दौरे के बाद टीम 12 मार्च को छत्तीसगढ़ लौटेगी। इसके बाद राजनीतिक कमेटी मिजोरम के दौरे पर रहेगी। शराबबंदी को लेकर सरकार ने गंभीरता दिखाई है, जिसके बाद टीमों का अलग-अलग राज्यों का दौरा जारी है। राज्यों के दौरे के बाद टीम अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। देश में अभी पांच राज्यों में ही शराबबंदी है।

भैयाजी यह भी देखे: FSSAI ने जारी किए कड़े आदेश, फलों को केमिकल से पकाने पर व्यापारियों विक्रेताओं पर होगी सख्त कार्रवाई

बिहार दौरे के दौरान छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल (RAIPUR NEWS) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर शराबबंदी के बाद के सामाजिक और आर्थिक हालतों पर चर्चा की। इससे पहले टीम के सदस्यों ने बिहार के आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। टीम ने बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह,बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह और कांग्रेस विधान पार्षदों से भी मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने इनके साथ ही शराबबंदी के बाद के स्थिति की जानकारी ली।

जहां शराबबंदी, वहां भी आसानी से उपलब्ध

बिहार दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल में शामिल (RAIPUR NEWS) रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि जहां शराबबंदी हैं, वहां भी शराब आसानी से उपलब्ध है। चाहे वह गुजरात की बात हो या अन्य राज्यों की। शराबबंदी के बाद सामाजिक और आर्थिक स्थिति का आंकलन किया जा रहा है। यह जनजागरूकता का विषय है। शराबबंदी के बाद किस तरह अवैध शराब मिल रही है। इसकी भी जानकारी ली जा रही है। सरकार शराबबंदी के लिए हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन कर रही है।

तीन कमेटियां गठित हैं

  • राज्य सरकार ने शराबबंदी के लिए तीन अलग-अलग समितियां गठित की है।
  • पहली राजनीतिक समिति, दूसरी समिति सामाजिक संगठनों की है, वहीं तीसरी समिति में प्रमुख दलों के विधायक शामिल हैं।

इन बिंदुओं पर बन रही रिपोर्ट

  • शराबबंदी के पहले और बाद की स्थिति
  •  शराबबंदी के कानून की ड्राफ्टिंग
  • राजस्व व सरकारी खजाने पर असर
  • सामाजिक व पारिवारिक परिवर्तन
  •  कानून के पालन में परेशानी