रायपुर। रायपुर स्मार्ट सिटी मिशन का जल्द ही स्वतंत्र मूल्यांकन होगा, इसके लिए कार्यादेश भी जारी हो गया है। ये जानकारी आज रायपुर के सांसद सुनील सोनी, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत ने एक पत्रकार वार्ता में दी। रायपुर स्मार्ट सिटी के कार्यों में अनियमितता के विषय को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने विभाग को शिकायत पत्र भेजा था।
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इस संदर्भ में विभाग ने स्मार्ट सिटी रायपुर के कार्यों के तकनीकी एवं आर्थिक जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है जो इसकी जांच करके रिपोर्ट सौंपेंगे। नेताओं ने ये भी बताया कि रायपुर स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का स्वतंत्र मूल्यांकन (तकनीकी एवं वित्तीय) एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया (एएससीआई) करेंगे।
रायपुर स्मार्ट सिटी द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन, परियोजनाओं के अनुमोदन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं की उपयुक्तता (परिभाषित प्रक्रियाओं के अनुसार) की समीक्षा की जायेगी। प्रमुख परियोजनाओं की पहचान और उनके पैमाने और प्रभाव का व्यक्तिपरक मूल्यांकन होगा।
जांच टीम परियोजना कार्यान्वयन या वित्तीय में सुधार के क्षेत्रों का सुझाव देगी। अध्ययन कर दो महीने में ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपी जाएगी। छह सप्ताह के बाद और दूसरे महीने के अंत तक अंतिम रिपोर्ट आ जायेगी। व्यावसायिक शुल्क, मूल्यांकन के लिए मानव संसाधन (अभियंता),वित्त पेशेवर, एम एंड ई विशेषज्ञ जांच कर रिपोर्ट देंगे।
भाजपा ने की थी केंद्रीय मंत्री से शिकायत
सांसद सुनील सोनी ने बताया कि स्मार्ट सिटी के कामकाज में गड़बड़ियों की शिकायत मिलने पर तथ्यों के साथ भाजपा ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से मिलकर उन्हें अवगत कराया था। केंद्रीय मंत्री ने फौरन इस मामले में जांच कराने भरोसा दिलाया था और उन्होंने जांच के आदेश दिए। जिस पर जांच कमेटी गठित हो गई है। जल्द ही जांच शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने स्मार्ट सिटी के नियम विरुद्ध कार्य के तथ्य केंद्रीय मंत्री को सौंपे थे। नेता प्रतिपक्ष नगर निगम मीनल चौबे सहित हमारे सभी पार्षद इस बारे में मांग करने दिल्ली गए थे।
अनुमति और रिपोर्ट में अंतर-बृजमोहन
वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पत्र वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की अनुमति और राज्य की रिपोर्ट में अंतर है। पूरे देश में सबसे भ्रष्ट, सबसे निकम्मी अगर कोई नगर निगम साबित हुआ है तो वह रायपुर नगर निगम है। स्मार्ट सिटी के पैसे से दूसरे क्षेत्रों में काम हुए।
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राज्य सरकार कंगाल हो गई है इसलिए पैसों का दुरुपयोग कर रही है। स्मार्ट सिटी के पैसों में बंदरबांट हो रही है। वीआईपी रोड पर टेंडर हुए बिना काम शुरू हो गया। ऐसे कई काम है। करोड़ों के काम हैं, जिन्हें कई हिस्सों में बांट कर भ्रष्टाचार कर अपनों को बांटा गया।