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स्कूल शिक्षा मंत्री से मिले मध्यान भोजन के कर्मचारी, हाईकोर्ट के आदेशानुसार मांगा मानदेय…

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रायपुर। सीटू ने प्रदेश में शासकीय प्राथमिक शालाओं में कार्य कर रहे मध्यान्ह भोजन श्रमिकों को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप 306 रुपए प्रतिदिन अर्थात 9180 रुपए प्रतिमाह दिए जाने की मांग करते हुए शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह को ज्ञापन सौंपा।
सीटू के राज्य सचिव धर्मराज महापात्र, समीर कुरैशी, सीटू से सम्बद्ध छत्तीसगढ़ मध्यान्ह भोजन मजदूर एकता यूनियन के नेता अनुसुइया कंडरा, अहिल्या ध्रुव, ललिता साहू, महेश निर्मलकर, सरला शर्मा, जयश्री गोस्वामी, बालाराम मरकाम, राधा दिली के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने उनसे भेंट कर कहा कि केवल 1500 रुपए के मानदेय पर इन श्रमिकों का गुजारा संभव नहीं है और लंबे समय से ये श्रमिक शोषण के शिकार हैं।

उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के बाद भी इनके पारिश्रमिक में कोई वृद्धि नहीं की गई है। संगठन ने रसोइयों को कलेक्टर दर पर पारिश्रमिक दिए जाने, केंद्रीय रसोई घरों पर रोक लगाने, स्कूलों के रसोई घरों को सुविधापूर्ण बनाने, मध्यान्ह भोजन श्रमिकों को 10 किलोग्राम अनाज मुफ्त दिए जाने , मध्यान्ह भोजन श्रमिकों की छंटनी पर रोक लगाने की मांग की।
मंत्री महोदय ने प्रतिनिधि मंडल को उच्च न्यायालय के निर्णय का अध्ययन कर उपयुक्त कदम उठाने का आव्हान किया। सीटू ने आगामी बजट में इन श्रमिकों के संबध में प्रदेश सरकार से सकारात्मक कदम की मांग की है।