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विश्वभूषण हरिचंदन छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल

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रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के छत्तीसगढ़ (RAIPUR NEWS) दौरे के एक दिन बाद ही यहां की राज्यपाल अनुसुईया उइके को हटा दिया गया है। उइके को मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे विश्वभूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल बनाया गया है। हरिचंदन पड़ोसी राज्य ओडिशा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।

यह बदलाव महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और लद्दाख के उप राज्यपाल राधाकृष्ण माथुर के इस्तीफे के साथ शुरू हुए हैं। कोश्यारी और माथुर ने कुछ दिन पहले इस्तीफा दिया था। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए उनको मुक्त कर दिया है। झारखंड के राज्यपाल रहे रमेश बैस को भगत सिंह कोश्यारी की जगह महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है।

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सीएम भूपेश ने नियुक्ति का किया स्वागत

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नये राज्यपाल (RAIPUR NEWS)  की नियुक्ति का स्वागत किया है। उन्होंने लिखा – मैं छत्तीसगढ़ की ओर से हमारे नये संवैधानिक अभिभावक का स्वागत करता हूं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लिखा – प्रदेश की पुण्य धरा पर विश्वभूषण जी का स्वागत है। मुझे विश्वास है कि आपके मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ संविधानिक अधिकारों की दिशा में सशक्त होगा।

कांग्रेस सरकार बनने के बाद बनी थीं राज्यपाल

कांग्रेस होकर भाजपा में आईं अनुसुईया उइके को सरकार ने 16 जुलाई 2019 को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्ति किया था। उन्होंने 17 जुलाई को कार्यभार ग्रहण कर लिया था। ठीक एक महीने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नई सरकार ने काम शुरू किया था। मुख्यमंत्री को शपथ ग्रहण मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तत्कालीन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कराया था। अब जब नवम्बर में विधानसभा का फिर से चुनाव होने जा रहा है, अनुसूईया उइके को यहां से हटाकर मणिपुर भेज दिया गया है।

जाने नए राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के बारे में

विश्वभूषण हरिचंदन (RAIPUR NEWS)  को भी अनुसुईया उइके साथ ही ही जुलाई 2019 में आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाकर भेजा गया था। तीन अगस्त 1934 में पैदा हुए हरिचंदन अभी 89 साल के हैं। उन्होंने 1971 में भारतीय जनसंघ जॉइन किया था। जनता पार्टी के गठन तक वे जनसंघ से ओडिशा के महामंत्री थे। 1980 में भाजपा के गठन के बाद उन्हें ओडिशा यूनिट का अध्यक्ष बनाया गया है। वे 1988 तक वे भाजपा के अध्यक्ष रहे। उसके बाद उन्होंने बीजू जनता दल जॉइन कर लिया। 1996 में वे फिर भाजपा में लौटे। हरिचंदन पांच बार विधायक रहे हैं। पहली बार जनता लहर में 1977 में चिल्का सीट से चुनाव जीते थे। उन्होंने भुवनेश्वर सेंट्रल सीट का भी प्रतिनिधित्व किया। भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहे। हरिचंदन ने ओडिशा के पाइका विद्रोह सहित कई पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें भी लिखी हैं।