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बिना बैंक गारंटी एजेंसी से काम करवा रही बीएसपी

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भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र में कम बोली बोलकर (BHILAI) काम लेने वाली बाहर की एक कंपनी ने पहले बैंक गारंटी देने की बात कहकर काम लिया। इसके बाद बैंक गारंटी देने से इनकार कर दिया। इस कंपनी का कोई काम बीएसपी में न पहले से चल रहा है और न उसकी कोई धरोहर राशि प्रबंधन के पास जमा है। अब प्रबंधन बैंक गारंटी माफ कर काम करवा रहा है। यह नियम के खिलाफ है। यह शिकायत सेल के चीफ विजिलेंस ऑफिसर से बीएसपी कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीजू एंथोनी ने की है।

यह है मामला

भिलाई इस्पात संयंत्र में ऑक्सन प्रक्रिया में एक फर्म ने इस्टीमेट से करीब 30 फीसदी कम बोली लगाकर टेंडर प्राप्त किया। बीएसपी में तय व्यवस्था के मुताबिक न्यूनतम बोली के 10 फीसदी से ऊपर की राशि की बैंक गारंटी मांगी जाती है। फर्म ने ठेका आवंटन से पहले दस फीसदी के ऊपर की शेष राशि की बैंक गारंटी जमा करने सहमति दी। इसके बाद बैंक गारंटी जमा करने से इनकार कर दिया।

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बीएसपी में पहले कभी काम नहीं किया है

यह फर्म बाहर की है। इसने बीएसपी में पहले कभी कोई कार्य नहीं किया है, और न ही वर्तमान में कोई कार्य कर रही है। भिलाई इस्पात संयंत्र के पास इसकी कोई धरोहर राशि भी जमा नहीं है।

बैंक गारंटी कर रहे माफ

ऐसी फर्म को बैंक गारंटी माफ कर ठेका प्रकोष्ठ व वायर राड (BHILAI) मिल विभाग ने निविदा के नियम व शर्तों को ताक पर रखकर कार्य आवंटन करने की प्रक्रिया की जा रही है। अन्य ठेका कार्य में भी उसे पात्र कर टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने दिया जा रहा है। बैंक गारंटी जमा करने सहमति देने के बाद इंकार कर दिया है, इस वजह से कार्रवाई की जानी चाहिए थी।

विजिलेंस से जांच की मांग

एसोसिएसन ने सेल के साथ-साथ बीएसपी के विजिलेंस, सीजीएम (BHILAI) से भी इस मामले में शिकायत की गई है। शिकायत में बताया गया है कि विभाग उक्त एजेंसी के दस्तावेज की जांच करें। बीएसपी में काम लेने के लिए फर्जी दस्तावेज का सहारा तो नहीं लिया जा रहा है। बीएसपी के सतर्कता विभाग से मांग की गई है कि बाहर की ठेका एजेंसी कोई भी दस्तावेज जमा किए जाते हैं, उसकी जांच की जाए। जांच में पुष्टि होने के बाद ही उन फर्मों को पात्र किया जाए।