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जोशीमठ में 237 परिवार हटाए, बद्रीनाथ धाम का खजाना भी हो सकता है शिफ्ट

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दिल्ली। जोशीमठ (JOSHIMATH) में 23 और घरों में दरारें आ गई हैं। मंगलवार तक सर्वे टीम ने 849 घरों को दरारों वाला क्रॉस मार्क लगाया है। इनमें से 155 निजी भवन और 10 व्यापारिक प्रतिष्ठानों को पूरी तरह से असुरक्षित माना गया है। इस कारण अभी तक इनमें रहने वाले 237 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित कर दिया गया है।

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विस्थापित परिवारों में से 58 किराए के मकानों में रहने पहुंचे हैं। बाकी को सरकार की तरफ से ठहराया गया है। इस बीच, दर्द और बेबसी की एक और तस्वीर सामने आई। विस्थापित कई परिवारों को प्रशासन ने होटलों में ठहराया है। लेकिन परेशानी ये है कि एक ही कमरे में तीन-तीन परिवार को ठूंस दिया गया है। वहां सोने तक के लिए जगह नहीं मिल रही है।

जमीन धंसने से भगवान बदरी विशाल के खजाने की चिंता बढ़ी

सबसे ज्यादा परेशानी उन महिलाओं को हो रही है, जिनके बच्चे 6 महीने तक के हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि खाने-पीने को लेकर समस्या नहीं है। सभी शिविरों और होटलों में प्रशासन खाने की व्यवस्था कर रहा है। साथ ही बाजारों में भी किसी भी चीज की किल्लत नहीं है। इस बीच, जमीन धंसने से भगवान बदरी विशाल के खजाने को लेकर भी चिंता बढ़ा है। यदि स्थिति और बिगड़ती है तो बद्रीनाथ धाम का खजाना पीपलकोटी में मंदिर समिति के निरीक्षण भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भास्कर को बताया कि अभी खतरा नहीं है, पर जरूरत पड़ने पर यहां स्थित निरीक्षण भवन के हॉल को स्ट्रांग रूम बनाया जाएगा।

 अब आधे से कम हुआ पानी का रिसाव

इस बीच, मंगलवार को तय किया गया कि जोशीमठ (JOSHIMATH) में सबसे निचले हिस्से में बसी जेपी कॉलोनी में भविष्य के खतरों को देखते हुए असुरक्षित घरों को तोड़ा जाएगा। हालांकि राहत ये है कि पानी के रिसाव में कमी आई है। पहले जहां 540 लीटर प्रति मिनट पानी का रिसाव हो रहा था। वो अब 163 लीटर प्रति मिनट हो गया है। इससे पहले भी रिसाव में कुछ कमी दर्ज की गई थी, लेकिन रविवार को अचानक फिर से बढ़ोतरी होने पर प्रशासन की चिंता बढ़ गई थी।