लखनऊ। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव (NIKAY CHUNAV) को लेकर मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के बाद राजनीतिक सरगरमी तेज हो गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि इस बार बगैर ओबीसी आरक्षण निकाय चुनाव करवाए जाएं।
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कोर्ट ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्धारित ट्रिपल टेस्ट न हो, तब तक आरक्षण को लागू नहीं किया जाए। हाई कोर्ट ने 2017 के ओबीसी रैपिड सर्वे को नकार दिया और निकाय चुनावों (NIKAY CHUNAV) के लिए 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया। फैसले के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सपा और कांग्रेस ने मांग की कि बिना आरक्षण निकाय चुनाव नहीं कराए जाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके बाद ही निकाय चुनाव सम्पन्न कराए जाएंगे।