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2 करोड़ से अधिक कर चोरी पर ही आपराधिक मुकदमा

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दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी (GST) काउंसिल की 48वीं बैठक में कारोबारियों को बड़ी राहत दी गई है। काउंसिल ने जीएसटी के तहत किसी मामले में आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए कर चोरी की सीमा एक करोड़ रुपए से बढ़ाकर दो करोड़ रुपए की है। हालांकि, बिना वस्तु या सेवा या दोनों की आपूर्ति किए बगैर फर्जी बिल जारी करने की स्थिति में यह सीमा एक करोड़ रुपए की ही होगी। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि काउंसिल ने जीएसटी से जुड़े कुछ मामलों को अपराध की श्रेणी से हटाने की भी सिफारिश की है।

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वित्त मंत्री ने बताया कि किसी भी वस्तु पर नया जीएसटी (GST) नहीं लगाया गया है। काउंसिल की बैठक में तंबाकू, गुटखा पर टैक्स को लेकर चर्चा नहीं हो सकी। ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो, हॉर्स रेसिंग को लेकर मंत्रियों के समूह की सिफारिशों पर भी चर्चा नहीं हुई। कर चोरी के ऐसे मामले जहां करदाता की गिरफ्तारी हो सकती थी, उनमें कपांउडिंग राशि कम की गई है। कर चोरी की राशि का न्यूनतम 25% व अधिकतम 100% के जुर्माने के बाद गिरफ्तारी से राहत मिलेगी। मिसमैच नोटिस पर भी लगाम की प्रक्रिया तय होगी।

सिर्फ आठ मुद्दों पर ही चर्चा

जीएसटी काउंसिल एजेंडे में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर ही फैसला कर सकी। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के अलावा केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

एसयूवी की परिभाषा तय

जीएसटी काउंसिल ने 22% क्षतिपूर्ति उपकर लगाने के लिए (GST) स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) की परिभाषा तय की है। एसयूवी के तहत उन वाहनों को वर्गीकृत किया गया है जो सभी चार शर्तें पूरी करते हैं। इनमें इंजन की क्षमता 1,500 सीसी से अधिक होना, लंबाई 4,000 मिलीमीटर से अधिक होना और 170 मिलीमीटर से अधिक का ग्राउंड क्लियरेंस शामिल है। फिलहाल ऐसे वाहनों पर 28% जीएसटी और 22% उपकर लगता है, जिससे कुल टैक्स दर 50% हो जाती है।