रायपुर। छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के द्वारा लाए गए आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अब तक हस्ताक्षर नहीं किए है। राज्यपाल ने आरक्षण विधेयक पर विधिक सलाहकारों से अभिमत लिया है। इस अभिमत के आधार पर ही सूबे की राज्यपाल उइके ने सरकार से सवाल किए है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज भवन से सरकार को भेजे गए पत्र में राज्यपाल ने प्रदेश सरकार से 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जवाब मांगा है। राजभवन में इस विधेयक पर विधिक सलाहकार के अभिमत के बाद राज्यपाल अनुसुइया उइके ने सरकार से जो सवाल किए है उसमें अनुसूचित जाति और जनजाति के संबंध में डाटा संग्रहण, इंदिरा साहनी केस में उल्लेखित विशेष एवं बाध्यकारी परिस्थितियां कौन सी थी ? जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है।
राजभवन की तरफ से आए पत्र में यह भी कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश के ढाई महीने बाद ऐसी कौन सी परिस्थितियां बनी जिसके आधार पर आरक्षण में 50% से अधिक की वृद्धि की गई ? राज्यपाल ने प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए क्वांटिफिएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने कहां है।