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नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा, भारत में नहीं है पायलटों की कमी

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नई दिल्ली। भारत में पायलटों की कोई कमी नहीं है, ये कहना है देश के नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त)का। सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि हालांकि, कुछ प्रकार के विमानों पर टाइप-रेटेड कमांडरों/पीआईसी (पायलट-इन-कमांड) की कमी है और इसे विदेशी पायलटों द्वारा विदेशी एयरक्रू अस्थायी प्राधिकरण (एफएटीए) जारी करके प्रबंधित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में 82 एफएटीए धारक हैं। विदेशी पायलटों को विमान नियम, 1937 और सीएआर धारा 7, सीरीज जी, भाग 2 के नियम 45 के प्रावधानों के तहत विदेशी विमान चालक दल अस्थायी प्राधिकरण (एफएटीए) जारी किया जाता है। विमान नियम, 1937 के नियम 28अ के अनुरूप 65 वर्ष से अधिक आयु के विदेशी लाइसेंस धारक को एफएटीए जारी नहीं किया जाता है, और लाइसेंस जारी करने वाले अनुबंधित राज्य द्वारा निर्धारित किसी भी कम आयु सीमा तक सीमित है।

भारत में डीजीसीए द्वारा अनुमोदित 34 फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (एफटीओ) 52 बेस पर काम कर रहे हैं जो सीपीएल (वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस) प्राप्त करने के लिए विमान उड़ान प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। सात स्वीकृत प्रशिक्षण संगठन (एटीओ) हैं जो पायलटों को विशिष्ट विमान प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय (आरजीएनएयू), भारत का एकमात्र विमानन विश्वविद्यालय अमेठी, उत्तर प्रदेश (यूपी) में संसद के एक अधिनियम के तहत स्थापित किया गया है।