वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी (GYANVYAPI) मामले में वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट फैसला सुनाएगी। मई में वैदिक सनातन संघ ने याचिका दायर कर तीन मांग रखी थी। किरण सिंह की ओर से दायर याचिका में मांग की गई थी कि ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए, यहां मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगे और सर्वे के दौरान मिली शिवलिंग नुमा आकृति की पूजा तथा आरती की अनुमति दी जाए।
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माना जा रहा है कि काशी की फास्ट ट्रैक कोर्ट इस पर आज फैसला सुना सकती है। यदि फैसला हिंदुओं के पक्ष में आता है तो इससे जुड़े अन्य याचिकाओं पर भी असर पड़ेगा। वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील औहिद खान ने कहा कि अदालत द्वारा मामले को खारिज कर दिया जाएगा। जिला अदालत में पहले का मामला मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों की दैनिक पूजा की अनुमति के संबंध में था, जबकि चल रहा मामला मस्जिद के अंदर वाले हिस्से से जुड़ा है।
सुनवाई से पहले तीन संदिग्ध गिरफ्तार
इस बीच, ज्ञानवापी पर अहम सुनवाई (GYANVYAPI) से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के मुताबिक, यह घटनाक्रम बीती शाम का है। मंदिर के गेट नंबर 4 पर तैनात पुलिसकर्मियों को 3 युवक संदिग्ध अवस्था में नजर आए। पूछताछ में पता चला कि वे मुस्लिम हैं और झारखंड के गिरिडीह के रहने वाले हैं। युवकों का कहना है कि उन्हें पता नहीं था कि काशी विश्वनाथ परिसर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश की अनुमति नहीं है। तीनों युवकों से पूछताछ जारी है।
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई
इस बीच, प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट (GYANVYAPI) पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने जा रही है। मथुरा मामले से जुड़ी अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर यह सुनवाई होना है। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने इस कानून को बनाए रखने की मांग की है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि 1991 में बना यह कानून मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।