लंदन। कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) के टीके की पहली खेप पर वैज्ञानिकों ने ब्रिटेन सरकार को चेतावनी दी है। ब्रिटेन सरकार के टीका कार्यबल ने आगाह किया है कि कोविड-19 टीकों का पहला सेट ‘त्रुटिपूर्ण’ हो सकता है और हो सकता है कि हर किसी पर यह समान रूप से काम न करे।
‘यूके वैक्सीन टास्क फोर्स’ की अध्यक्ष केट बिंघम ने कहा कि उम्मीदों को प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि शुरुआती खोज के पूरी तरह सटीक होने की संभावना नहीं है। बिंघम ने पत्रिका ‘द लैंसेट में इस सप्ताह एक लेख में लिखा, टीकों की पहली पीढ़ी के त्रुटिपूर्ण होने की संभावना है और हो सकता है कि ये हर किसी पर समान रूप से काम न करें। विभिन्न टीकों पर जारी परीक्षणों का ब्योरा आगामी हफ्तों में आने की उम्मीद है।
85 फीसदी वॉलंटियर्स में साइड इफेक्ट देखने को नहीं
कोरोना वायरस (Covid-19 Vaccine) के कहर के बीच पूरी दुनिया में वैक्सीन बनाने की कवायद तेज है। रूस ने बहुत पहले ही कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है, जिसका तीसरे फेज का ट्रायल जारी है। अब तक जो परिणाम सामने आए हैं, उसके मुताबिक रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-5 को सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है। करीब 85 फीसदी वॉलंटियर्स में इसका कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है।
15 फीसदी लोगों में साइड इफेक्ट्स
मॉस्को स्थित गमालया के प्रमुख अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने सरकारी टेलीविजन को बताया कि स्पुतनिक-5 के दुष्प्रभावों में हल्के तापमान वाले बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द (Covid-19 Vaccine) शामिल है। इस तरह के साइड इफेक्ट्स महज उन 15 फीसदी लोगों में पाया गया है, जिनमें ट्रायल के दौरान वैक्सीन दिया गया है। उन्होंने कहा कि 85 फीसदी लोगों ने कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-5 में कोई साइड इफेक्ट महसूस नहीं किया है या फिर टीका लगाने के बाद उनमें कोई शिकायत देखने को नहीं मिली है।
दरअसल, रूस ने पहले दो चरणों के मानव परीक्षण पूरे करने के बाद 11 अगस्त को टीके के मानकों पर खरा उतरने और टीकाकरण शुरू करने का ऐलान किया था। हालांकि रूस के पहले दो चरणों के परीक्षणों का डब्ल्यूएचओ या किसी अन्य प्रतिष्ठित संस्था ने निरीक्षण नहीं किया। ऐसे में टीके पर दुनियाभर की वैज्ञानिक संस्थाओं ने संदेह जाहिर किया था। हालांकि, जोखिम वाले समूहों को पहले ही टीका दिया जा रहा है।