कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीर धाम (KAWARDHA NEWS) स्थित भोरमदेव मंदिर का अस्तित्व खतरे में है। पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित 10वीं सदी के इस मंदिर के पीछे का भाग झुक गया है। इसे बचाने के लिए पुरातत्व विभाग स्वयं की निगरानी में काम करवाने की जगह ठेकदार और उनके मजदूरों के भरोसे छोड़ दिया है। ठेकेदार के मजदूर बेहिसाब नींव के पास गैंती चलाकर खोदाई कर रहे हैं। मीडिया या ने जब ध्यान आकृष्ट करवाया तो पुरातत्व विशेषज्ञ इसे विभाग की लापरवाही बता रहे हैं और जिला अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं।
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यह मंदिर करीब 20 डिग्री तक झुक चुका है और झुकाव (KAWARDHA NEWS) निरंतर जारी है। वर्ष 2018 में ऐतिहासिक महत्व की धरोहर के संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी निर्देश जारी किए थे। इसके बाद पुरातत्व विभाग की विशेष टीम ने सर्वेक्षण किया। टीम ने माना कि मंदिर का अस्तित्व खतरे में है। राज्य सरकार ने संरक्षित स्मारक भोरमदेव मंदिर में अनुरक्षण व अन्य विकास कार्य के लिए इसी साल फरवरी में निविदा (टेंडर) जारी की गई थी। इसमें करीब 37.33 लाख रुपये का काम होना है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे (KAWARDHA NEWS) को मीडियाकर्मियो ने बताया कि ठेकेदार के मजदूर गैंती और फावड़े से खोदाई कर रहे हैं। पुरात्ताविक जगहों की खोदाई छोटे औजारों से करवाई जाती हैं। खोदाई के दौरान कंपन न हो इसका ध्यान रखा जाता है, ताकि भवन, उसकी नींव और अन्य संरक्षित वस्तुओं को नुकसान न हो। मौके पर पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञ तक उपस्थित नहीं थे। इसके बाद उन्होंने मामले का संज्ञान लिया और तुरंत मौके पर टीम भेजने की बात कही।