रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने ED की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। मजिस्ट्रेट अजय सिंह राजपूत की स्पेशल कोर्ट में सूर्यकांत तिवारी ने अकेले पहुंचकर आत्मसमर्पण किया है। छत्तीसगढ़ में ईडी और आईटी की छापेमारी के दौरान सबसे चर्चित नाम सूर्यकांत तिवारी का ही रहा है। सूर्यकांत तिवारी का कोयले के व्यापार से गहरा नाता रहा है।
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सूर्यकांत शुरू से ही कोयले के व्यापार से ताल्लुक रखता था। ED के अनुसार कोयले का अवैध रूप से वसूला जाने वाला 25 रुपये प्रति टन वसूली कर (टैक्स) सूर्यकांत तिवारी के माध्यम से ही ऊपर के लोगों तक पहुंचाया जाता था।
इस मामले में ईडी ने पूर्व में आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, व्यवसायी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत अग्रवाल को हिरासत में लिया था। जिसमें से समीर विश्नोई और सुनील फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल दाखिल है। इसी मामलें में फरार चल रहे व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी ने आज कोर्ट में सरेंडर किया है।
ED के 12-पेज के रिमांड आवेदन में कहा गया है कि “जबरन वसूली सिंडिकेट” एक सुनियोजित साजिश के रूप में चलाया गया था और डिलीवरी ऑर्डर खदान से कोयला ले जाने वाले ट्रक के लिए आवश्यक था, जो अवैध लेवी के भुगतान के बाद ही जारी किया जाता था।
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ईडी ने कहा है कि पैसे का इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने के लिए किया जा रहा था और कहा कि इस पैसे के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल चुनाव खर्च के लिए भी किया जा रहा था। ईडी ने जो अधिकृत विज्ञप्ति जारी की थी, तो उस दौरान सूर्यकांत तिवारी को फरार बताया गया था। पिछले करीब 15 दिनों से फरार चल रहे सूर्यकांत तिवारी ने आज शाम जिला कोर्ट में सरेंडर किया है।