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विशेष सत्र में विपक्ष का हंगामा, धान खरीदी की तारीख पर नारेबाजी

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक पेश करने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी के तमाम विधायकों ने जमकर हंगामा मचाया है। भाजपा ने भूपेश बघेल की सरकार से धान खरीदी की तारीख को लेकर अपनी मांग रखी। जिस पर सत्ता पक्ष से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर हंगामा बरपा।

दरअसल विपक्ष की ओर से धान खरीदी की शुरुआत 1 नवंबर से करने की मांग लगातार की जा रही है। आज यही मांग सदन में भी दोहराई गई। मांग को अनसुना किए जाने से खफा भाजपा विधायकों की ओर से जमकर नारेबाजी की गई। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित किया।

अब तक नहीं पहुंचें 2500-कौशिक
इधर नेटप्रतिक्ष धरमलाल कौशिक ने इस मामले पर कहा कि “25 सौ रुपए में धान की खरीदी करने का दावा करने वाले लोग केवल इतना ही बता दें कि आज भी किसानों के खाते में 25 सौ रुपए पहुंच चुके हैं क्या ? पिछली खरीदी का भुगतान अब तक लंबित है और इस साल की खरीदी शुरू होने जा रही है, पर भुगतान अब तक नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि “किसानों हित की बात करने वाली यह सरकार इस बात को नहीं सोच रही है कि प्रदेश का किसान इस स्थिति में नहीं रहता कि अक्टूबर में धान काटने के बाद उसे दिसंबर तक रोककर रखें।”

देर से खरीदी में नुकसान-बृजमोहन
वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भी धान के मामलें पर जमकर सरकार पर निशाना साधा है। बृजमोहन ने कहा कि “इस पत्र को किसानों के हित के लिए ही आहूत किया गया है, प्रदेशभर में धान की कटाई शुरू हो चुकी है। ऐसे में राज्य सरकार को 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने में कहीं कोई दिक्कत या परेशानी नहीं होनी चाहिए। 1 नवंबर से अगर धान खरीदी शुरू की जाएगी तो किसानों को नुकसान नहीं होगा, लेकिन इसमें अगर देरी हुई तो किसानों को कोई फायदा नहीं पहुंचेगा लेकिन नुकसान जरूर होगा।