नई दिल्ली। एक नए तकनीकी युग की शुरुआत करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी 1 अक्टूबर को 5G सेवाओं का शुभारंभ करेंगे। 5G तकनीक से निर्बाध कवरेज, उच्च डेटा दर, कम विलंबता और अत्यधिक विश्वसनीय संचार सुविधाऐं प्राप्त की जा सकेंगी। इससे ऊर्जा दक्षता, स्पेक्ट्रम दक्षता और नेटवर्क दक्षता में भी बेहतर रूप से सुधार होगा।
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गौरतलब है कि वर्षों की गहन तैयारी के बाद 5जी सेवाओं की शुरुआत हो रही है। हाल ही में, 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी सफलतापूर्वक संपन्न की गई थी और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 1,50,173 करोड़ रुपये के सकल राजस्व के साथ 51,236 मेगाहर्ट्ज आवंटित किया गया था। नीलामी ने एक मजबूत 5जी इको-सिस्टम तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया था, ताकि आईओटी, एम2एम, एआई, एज कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स आदि से जुड़े इसके इस्तेमाल से संबंधित जरूरतों को पूरा कर सके।
5जी नए आर्थिक अवसर और सामाजिक लाभ प्रदान कर सकता है और इसे भारतीय समाज के लिए एक परिवर्तनकारी शक्ति बनने की क्षमता प्रदान कर सकता है। यह देश को विकास की पारंपरिक बाधाओं को दूर करने, स्टार्टअप्स और व्यावसायिक उद्यमों द्वारा नवाचारों को बढ़ावा देने के साथ-साथ ‘डिजिटल इंडिया’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। भारत पर 5जी का कुल मिलाकर आर्थिक प्रभाव 2035 तक 450 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
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5G सेवा के शुभारंभ के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी भारतीय मोबाइल सम्मेलन (IMC) के छठे संस्करण का भी उद्घाटन करेंगे। आईएमसी 2022 का आयोजन 1 से 4 अक्टूबर तक “न्यू डिजिटल यूनिवर्स” विषय के साथ किया जाएगा। यह सम्मेलन प्रमुख विचारकों, उद्यमियों, नवोन्मेषकों और सरकारी अधिकारियों को एक साथ लाते हुए डिजिटल प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाने और इसके प्रसार से होने वाले अद्वितीय अवसरों पर विचार-विमर्श और विभिन्न प्रस्तुतियों के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा।