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भारत-अमेरिका के बीच टू-प्लस-टू बैठक आज, चीन की बढ़ी टेंशन

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दिल्ली. लद्दाख में चीन से जारी तनाव के बीच मंगलवार को भारत और अमेरिका की टू प्लस टू बैठक (Two plus two meeting) आयोजित है। भारत और अमेरिका के बीच होने वाली टू प्लस टू बैठक ने चीन का तनाव बढ़ा दिया है। मंगलवार को भारत में आयोजित होने वाली टॅ प्लस टू बैठक में शामिल होने के लिए सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो और रक्षामंत्री मार्क एस्पर दिल्ली पहुंचे।

राजनाथ और एस्पर के बीच और जयशंकर पोम्पियो के बीच अलग अलग द्विपक्षीय वार्ता हुई। राजनाथ सिंह के साथ बातचीत से पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री को रायसीना हिल में साउथ ब्लॉक के बाहर तीनों सेनाओं की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। दोनों देशों के विदेश व रक्षामंत्री मंगलवार को भारत-अमेरिका के बीच टू-प्लस-टू वार्ता के तीसरे संस्करण में हिस्सा लेंगे। अमेरिका में चुनाव से महज एक हफ्ते पहले ट्रंप के दो शीर्ष मंत्रियों की यह वार्ता बेहद महत्वेपूणज़् मानी जा रही है।

बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा

जानकारों की मानें तो टू प्लस टू बैठक (Two plus two meeting) में महत्तवपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने का चीन का प्रयास और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में उसका आक्रामक व्यवहार भी शामिल है। विशेषज्ञों की मानें तो पिछले कुछ साल में भारत, अमेरिका का सबसे बड़ा रक्षा व व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा है। टू प्लस टू वार्ता से साफ संकेत मिल रहा है कि चीन से तनाव के बीच यह रिश्ता और मजबूत होगा।

20 बिलियन डॉलर की खरीदी

पिछले 15 सालों के दौरान भारत ने सी-17 ग्लोबमास्टरर्स और सी-130जे सुपर हरक्यूलिस स्पेशल ऑपरेशन ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट समेत करीब 20 बिलियन डॉलर की रक्षा खरीद की है। ये वायुसेना के बेड़े के अहम आधार बन गए हैं। इसके अलावा सेना अमेरिकी अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर का भी इस्तेमाल कर रही है। नौसेना ने हाल ही में अमेरिकी एमएच-60 रोमियो एंटी-सबमरीन युद्धक बहुराष्ट्रीय हेलिकॉप्टरों को अपनी जरूरतों के लिए चुना है। टू प्लस टू वार्ता में नए रक्षा समझौतो की दिशा भी तय होगी।

अंतरिक्ष मे बढ़ेगा सहयोग

जानकारों का कहना है कि भारत अमेरिका (Two plus two meeting) से एमक्यू -9 बी ड्रोन खरीद रहा है। परस्पर समझौते के बाद भारत अंतरिक्ष के डाटा का प्रयोग दुश्मन के अड्डों पर हमला करने के लिए कर सकेगा। भारत और अमेरिका के बीच पहले ही तीन मौलिक समझौते हो चुके हैं। इन समझौतों के तहत दोनों देश पहले से ही एक-दूसरे के मिलिट्री संस्थानों का प्रयोग रि-फ्यूलिंग और आपूर्ति के लिए करने में सक्षम हैं। भारत और अमेरिका के बीच पहली वार्ता अहम सुरक्षा समझौते कॉमकासा पर हस्ताक्षर किए। दूसरी वार्ता इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी एनेक्स समझौते को मंजूरी दी है।