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योगी सरकार का नया हुक्म, खेतों में लगाया कटीला तार, तो जाना पड़ सकता है जेल

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को चेतावनी देते हुए एक नया नियम बनाया है। योगी सरकार (YOGI GOVERMENT) ने खेतों में नुकीले तार लगाने पर बैन लगा दिया है। कोई भी किसान अब अपने खेतों में नुकीले तार, कांटेदार तार, ब्लेड वाली तार अब नहीं लगा सकेंगा। अगर यूपी में कोई किसान ऐसा करते हुए पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश न मानने पर किसान को जेल भी जाना पड़ सकता है।

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उत्तर प्रदेश शासन ने इस संबंध में सूबे के सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर आदेश का पालन सख्ती से करवाने की बात कही है। किसान पहले खेतों में बाड़ नहीं लगाता था। पर आवारा पशुओं के अचानक खेतों में प्रवेश करने से किसानों की फसल को भारी नुकसान पहुंचता था। जिस वजह से यूपी के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था। इस से बचाव करने के लिए किसान खेतों में नुकीले तारों की बाड़ लगाने लगे।

सभी डीएम को आदेश जारी, कटीले तार हटवाएं

यूपी सरकार के आदेश के अनुसार, इस प्रतिबंध के बाद जानवरों (YOGI GOVERMENT)  को खेत में घुसने से रोकने के लिए किसान साधारण रस्सी का प्रयोग करें। खेत में ब्लेड या कटीले तारों का प्रयोग करने पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई की जाएगी। फसल को बचाने के लिए लगाए जाने वाले कटीले तारों की वजह से अक्सर जानवर घायल और अपंग हो जाते हैं। कई बार तो जानवरों की मौत तक हो जाती है। इस को देखते हुए सरकार सक्रिय हुई। और शासन ने अब इन कटीले तारों को खेतों में लगाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही डीएम को आदेश दिया है कि वह इनको हटवाकर सामान्य रस्सी का किसानों से प्रयोग कराएं।

सामान्य रस्सी का प्रयोग करें किसान

अपर मुख्य सचिव डा रजनीश दुबे ने डीएम को भेजे (YOGI GOVERMENT)  पत्र में कहा कि, पशु क्रूरता को रोकने के लिए किसानों के प्रयोग किए जा रहे कटीले व ब्लेड वाले तारों पर जिलों में पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाए। इन तारों को खेतों में किसान नहीं लगा सकेंगे। साथ ही जहां पर ये तार लगे हैं उनको हटाकर किसान सामान्य रस्सी का प्रयोग कर सकेंगे।

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का उल्लंघन

उप्र गो सेवा आयोग की बैठक में किसानों के खेतों में कटीले तारों को लगाकर पशुओं के प्रवेश को रोकने को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का उल्लंघन माना जा रहा है।पशुओं के साथ गलत व्यवहार, उनको यातना या पीड़ा देना इस अधिनियम में आता है। वहीं कटीले और ब्लैड वाले तारों से घायल हो रहे आवारा पशुओं के लिए यह अधिनियम लागू होता है।