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जल जीवन मिशन : सीएम हाउस पहुंचे ठेकेदार, टेंडर निरस्त नहीं करने की मांग

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रायपुर। जल जीवन मिशन योजना में हुए टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने की सुगबुगाहट से अब छोटे ठेकेदार इसके विरोध में आ गए है। बी और सी कैटेगरी के ठेकेदारों ने इस मामलें में अब मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। बी और सी कैटेगरी के ठेकेदारों ने इस मामलें पर टेंडर निरस्त नहीं करने का अनुरोध किया है।

ठेकेदारों ने इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की है। उन्होंने मुलाकात कर यह कहा है कि “कुछ एक ए और बी कैटेगरी के ठेकेदारों के लिए सी और डी कैटेगरी के 872 ठेकेदारों का भविष्य इस निलंबन से खतरे में आएगा।

उन्होंने यह दलील दी है कि ए और बी केटेगरी के ठेकेदारों के नेतृत्व में जल जीवन मिशन योजना के तहत हुई निविदा में जो अनियमितता होने की शिकायत की गई है। उसमें विधिवत जांच जरूर हो लेकिन इसके निरस्तीकरण से छोटे ठेकेदारों को काफी नुकसान होगा।

नहीं पुरा होगा टारगेट
ठेकेदारों की ओर से मुख्यमंत्री के समक्ष यह भी कहा गया कि “इस मिशन के तहत भारत सरकार में साल 2020-21 के लिए 20 लाख 61 हज़ार घरेलू नल कनेक्शन का लक्ष्य दिया था। जबकि अक्टूबर महीने तक छत्तीसगढ़ में केवल 1 लाख 45 हज़ार कनेक्शन ही हो पाया है। इस पूरी योजना का केवल 7 फ़ीसदी काम ही अब तक पूरा हो पाया है, ऐसे में यदि टेंडर निरस्त किया जाता है तो भारत सरकार द्वारा गया यह टारगेट समय रहते पूरा नहीं होगा।

और बढ़ेंगी दरें
ठेकेदारों ने इसके अलावा यह भी कहा है कि अगर सरकार फिर से टेंडर बुलाती है, तो इसमें दरें पहले की अपेक्षा और ज्यादा आएंगी। इसके पीछे ठेकेदारों की ओर से तर्क दिया गया है कि पीवीसी पाइप की दरों में लगभग 8 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। USOR से अधिक दर आने पर राज्य की हिस्सेदारी का बोझ बढ़ेगा।

गौरतलब है कि जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत 4500 करोड़ का काम चुनिंदा कंपनियों को देने पर पीएचई विभाग संदेह के दायरे पर आ गया है। पीएचई प्रभारी मामलें में निश्पक्षता से टेंडर होने की बात कह रहे हे। मामला विवाद में आने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने जांच बिठाई दी है। सीएम बघेल ने मुख्य सचिव आरपी मंडल की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करके जांच करके रिपोर्ट जल्द से जल्द सबमिट करने का निर्देश दिया है। इस पूरे मामले पर विपक्ष ने जमकर विरोध किया है। विपक्ष ने मुद्दे पर सीएम भूपेश बघेल पर भी निशाना साधा है।