दिल्ली। आईआईटी, खड़गपुर के शोधार्थियों ने 360 डिग्री वर्चुअल रियलिटी (VR) यानी आभासी वास्तविकता एजुकेटर प्लेटफॉर्म तैयार किया है। इस प्लेटफॉर्म के लिए जटिल कोडिंग ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती। इसके जरिए 30 मिनट से भी कम समय में नई पाठ्य सामग्री तैयार करना आसान है।
भैयाजी ये भी देखें : कोर्ट में सरेंडर करेंगी डांसिंग क्वीन Sapna Choudhary
आईआईटी, खड़गपुर में एडवांस टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर के सहायक प्रोफेसर कौशल कुमार भगत ने कहा, ‘मूल समस्या यह है कि आकर्षक सामग्री तैयार करने के लिए शिक्षक दूसरों पर निर्भर होते हैं। हम इस निर्भरता को खत्म करना चाहते हैं।’ उन्होंने भुवनेश्वर क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान में प्रशिक्षण भी दिया।
सीखने-समझने में होगी आसानी
दरअसल, 360 डिग्री वीआर प्लेटफॉर्म में तीन-आयामी कंप्यूटर जनित ग्राफिक्स (VR) के जरिए सीखने-समझने में आसानी होती है। इसके जरिए जटिल विषय को समझाना बेहद आसान होता है।
ऐसे आया आइडिया
सहायक प्रोफेसर कौशल कुमार भगत और उनकी टीम (VR) को कोरोना महामारी के दौरान शिक्षकों के लिए 360 डिग्री वीआर प्लेटफॉर्म बनाने का आइडिया आया। उनका मानना था कि ऑनलाइन कक्षाओं में विद्यार्थी पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु अच्छी तरह नहीं समझ रहे। ये कक्षाएं उनके लिए बोझिल भी हो रहीं हैं।