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सीएम भूपेश बघेल बोले, गौठानों में गौ माता के साथ धरती माता की भी सेवा…

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना की 51वीं किश्त की राशि 5 करोड़ 9 लाख रूपए हितग्राहियों को उनके बैंक खाते में अंतरित की,

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जिसमें गोबर विक्रेताओं को 2 करोड़ 69 लाख रूपए, गौठान समितियों को एक करोड़ 48 लाख रूपए तथा महिला समूहों को 93 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय गए गोबर से निर्मित 15 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का किसान भाईयों ने अपने खेतों में उपयोग किया है। इस योजना के माध्यम से हम गौ माता की सेवा के साथ-साथ धरती माता की भी सेवा कर रहे है। खेतों में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग वास्तव में धरती माता की सेवा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से ऐसा फीडबैक मिल रहा है कि वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से खेतों की मिट्टी मुलायम और उपजाऊ हो रही है। जिन खेतों में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किसान भाईयों ने अच्छे से किया है, वहां अब अन्य प्रकार के रासायनिक उर्वरक की जरूरत नहीं पड़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 26 लाख से अधिक किसानों को वर्मी कम्पोस्ट उपलब्ध कराने के लिए इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन जरूरी है।

इसके लिए उन्होंने गौठानों में बिना किसी व्यवधान के गोबर की नियमित खरीदी करने तथा आवश्यकतानुसार वर्मी टांकों का निर्माण कराए जाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चालू खरीफ सीजन में अब तक राज्य के पौने चार लाख किसानों ने फसल ऋण के रूप में सहकारी समितियों से वर्मी कम्पोस्ट का उठाव किया है, यह उत्साहजनक है।

गौठानों में 10 से 50 लाख रूपए तक की पूंजी

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठान और गोधन न्याय योजना के समन्वय से गांवों में रोजगार के नये अवसर सृजित हुए हैं। राज्य के 5863 गौठान समितियों के बैंक खाते में आज की स्थिति में 79 करोड़ 60 लाख रूपए जमा है। लगभग 2500 गौठान समितियां के पास एक लाख से 10 लाख रूपए तक 46 गौठान समितियों के पास 10 लाख से लेकर 50 लाख रूपए तक स्वयं की पूंजी जमा है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम सुराज और स्वावलंबी गांव केे सपने को साकार करने की ओर मजबूत कदम है।

160 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि गौठानों में अब तक 160 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी हो चुकी है। गौठानों से जुड़ी समूह की महिला बहनों ने वर्मी कम्पोस्ट और कृषि से जुड़ी गतिविधियों का संचालन कर 80 करोड़ रूपए की आय हासिल की है। गौठानों में आयमूलक गतिविधियां बेहतर तरीके से संचालित हो, इसका प्रयास सभी विभागों के समन्वय से किया जा रहा है। गौठानों में आयमूलक गतिविधियों का विस्तार शेड का निर्माण का कार्य प्राथमिकता से कराया जा रहा है। युवा मितान क्लब को भी गौठानों से जोड़ने की पहल शुरू की गई है।

गौठानों में खरीदे जा रहे गो-मूत्र

गोधन न्याय योजना के प्रबंध संचालक डॉ. अयाज तम्बोली ने गोधन न्याय योजना की उपलब्धि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गौठानों में गो-मूत्र की खरीदी भी की जा रही है। अब तक 21 हजार लीटर गो-मूत्र क्रय कर उससे महिला समूह जैविक कीटनाशक, ब्रम्हास्त्र और जीवामृत बनाकर विक्रय कर रहे हैं। गोबर से अब तक 17.57 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन हुआ है, जिसमें से 15 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री हो चुकी है।

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कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. एस. भारतीदासन, मार्कफेड की प्रबंध संचालक सुश्री किरण कौशल, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा नरेन्द्र दुग्गा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।