वॉशिंगटन। नासा के टिफिन बॉक्स के आकार वाला छोटा-सा उपकरण मंगल ग्रह (MANGAL GRAH) पर ऑक्सीजन बनाने में कामयाब हो गया है। ‘मॉक्सी’ नाम का उपकरण कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन बना रहा है। यह एक घंटे में इतनी ऑक्सीन बना सकता है, जितनी एक छोटा पेड़ बनाता है।
मंगल पर अब तक इंसान शायद इसलिए नहीं पहुंचा, क्योंकि वहां ऑक्सीजन नहीं है। वहां जाने वालों को ऑक्सीजन पृथ्वी से ले जानी होगी। शोधकर्ताओं ने कहा कि मंगल (MANGAL GRAH) पर मनुष्यों से पहले मॉक्सी के बड़े संस्करण को भेजना होगा, जो सैकड़ों पेड़ों की क्षमता के बराबर ऑक्सीजन बना सके। मॉक्सी नासा के पर्सीवरेंस रोवर मिशन के तहत मंगल पर भेजा गया था। 2021 के अंत तक मॉक्सी दिन-रात में विभिन्न तरह की सात परिस्थितियों में ऑक्सीजन उत्पादन में सक्षम था। हर परीक्षण में इसने प्रति घंटा छह ग्राम ऑक्सीजन बनाया।
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शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि पूरी क्षमता के साथ यह सिस्टम मनुष्यों के मंगल (MANGAL GRAH) पर पहुंचने के बाद उन्हें जीवित रखने के लिए जरूरी ऑक्सीजन बना सकता है। इसके अलावा बची हुई ऑक्सीजन मनुष्यों को पृथ्वी पर वापस लाने वाले रॉकेट के ईंधन में इस्तेमाल की जा सकती है। मंगल पर मौजूद इस उपकरण का वर्जन इसलिए छोटा रखा गया, ताकि यह पर्सीवरेंस रोवर में फिट हो सके।
शोधकर्ताओं के मुताबिक इस उपकरण ने साबित किया है कि किसी भी मौसम में यह मंगल पर ऑक्सीजन बनाने में सक्षम है। इसे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में डिजाइन किया गया। इसे तैयार करने के लिए गर्मी प्रतिरोधक धातुओं का इस्तेमाल किया गया। यह 800 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बर्दाश्त कर सकता है।