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गुजरात दंगों, बाबरी विध्वंस के सभी केस बंद

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दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को अहम फैसला करते हुए गुजरात दंगों और बाबरी विध्वंस से जुड़े करीब-करीब सभी मामलों की सुनवाई बंद कर दी। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि गुजरात दंगों के नौ मामलों में से आठ का फैसला आ चुका है। नरोदा गांव मामले में ट्रायल आखिरी चरण में है। इस मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई चलेगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड की संरक्षण याचिकाओं पर भी सुनवाई बंद कर दी। कोर्ट ने कहा कि तीस्ता गिरफ्तार हो चुकी हैं। इसलिए ये याचिकाएं निष्प्रभावी हो चुकी हैं। तीस्ता अपने वकील से निर्देश (Supreme Court) लेकर आगे कार्यवाही कर सकती हैं। कोर्ट ने अयोध्या में बाबरी ढांचे को ढहाए जाने से जुड़ी अवमानना याचिका की सुनवाई भी बंद कर दी। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता असलम भूरे दुनिया में नहीं हैं। साथ ही 2019 में आए फैसले के कारण भी अब इस मामले को बनाए रखना जरूरी नहीं है। यह याचिका उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी समेत भाजपा के कई नेताओं के खिलाफ दायर की गई थी।

नरोदा मामले के लिए एसआइटी को निर्देश

गुजरात दंगों की याचिकाओं पर कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं (Supreme Court) के वकीलों ने भी काफी हद तक स्वीकार कर लिया है कि मामले निष्प्रभावी हो गए हैं। नरोदा मामला नियमानुसार पूरा करें।

मरे घोड़े को कोड़े नहीं मार सकते

बाबरी संबंधी फैसले में कोर्ट ने कहा कि मामले में कुछ नहीं बचा है। आप मरे हुए घोड़े को कोड़े नहीं मारते रह सकते। केवल पुराने मामलों को उठाने का प्रयास हो रहा है। पांच जजों की बेंच पहले ही फैसला दे चुकी है।