spot_img

राष्ट्रीय महापौर सम्मेलन में शामिल महापौरों ने की छत्तीसगढ़ में लागू योजनाओं की तारीफ

HomeCHHATTISGARHराष्ट्रीय महापौर सम्मेलन में शामिल महापौरों ने की छत्तीसगढ़ में लागू योजनाओं...

रायपुर। राष्ट्रीय महापौर परिषद के दो दिवसीय सम्मेलन (RAIPUR NEWS) का शुभारंभ होटल कोर्टयार्ड मैरियट में हुआ। इस मौके पर उपस्थित महापौरों को सूडा विषय विशेषज्ञ महर्षि उपाध्याय ने आकंड़ों के साथ वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ इकलौता राज्य है जो स्वच्छता रैकिंग में लगातार आगे बढ़ रहा है। तीन साल पहले रायपुर नगर निगम 42वें स्थान पर था। अपनी कमियों को पूरा कर लंबी छलांग लगाते हुए आज छठवें स्थान पर है। अब इंदौर शहर की तर्ज पर काम करते हुए नंबर वन रैंक हासिल करने की कोशिश में जुटा हुआ है।

भैयाजी यह भी देखे: स्क्रैप कंपनी से चोरी करने वाले 5 गिरफ्तार

अपर आयुक्त अभिषेक अग्रवाल, स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक आशीष मिश्रा ने इस मौके पर निगम व स्मार्ट सिटी की शहर में उत्कृष्ट परियोजनाओं में कोरोना काल के दौरान इंडोर स्टेडियम मात्र चार दिन के भीतर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए तैयार किए गए 360 बिस्तरों के (RAIPUR NEWS)  अस्थायी कोविड अस्पताल, नालंदा परिसर, मुख्यमंत्री मितान योजना,एमएमयू के माध्यम से गरीबों के स्वास्थ्य जांच, दवाईयों के वितरण, धन्वंतरी मेडिकल स्टोर से आमजनों को 72 प्रतिशत छूट पर ब्राडेड दवाईयां उपलब्ध कराने आदि योजनाओं की जानकारी दी।सम्मेलन में उपस्थित आगरा, कानपुर, मथुरा, झांसी, इंदौर, भोपाल के महापौरों ने आम लोगों के हित में छत्तीसगढ़ में शुरू किए इन योजनाओं की सराहना करते हुए अपने शहरों में भी शुरू करने की बात कही।

गरीब तक पहुंच रही डाक्टरों की टीम

महापौर एजाज ढेबर ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे यहां मरीज नहीं बल्कि डाक्टर उनके पास जाकर इलाज कर रहे है। स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच गरीब से गरीब व्यक्ति तक हो इसके लिए मुख्यमंत्री (RAIPUR NEWS)  शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का सफल संचालन किया जा रहा है। बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के साथ-साथ हिन्दी माध्यम के भी उत्कृष्ट स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। इन स्कूलों में गरीब-से गरीब विद्यार्थी भी नि:शुल्क प्रवेश लेकर उत्कृष्ट शिक्षा हासिल कर सकता है। यहीं वजह है कि लोग अपने बच्चों को अब सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहते है।दस हजार से अधिक स्कूल में प्रवेश के फार्म प्राप्त हुए है।