रांची। झारखंड के सियासी उथल पथल में छत्तीसगढ़ का जुड़ाव लगातार बढ़ते ही जा रहा है। छत्तीसगढ़ मूल के और वर्तमान में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस के हाथों में जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी का फैसला अटका हुआ है। वही सियासी गठबंधन कि टूट को बचाने के लिए भी छत्तीसगढ़ का सहारा लिया जा सकता है।
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मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड के सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में आज सुबह भी विधायक दल की एक अहम बैठक बुलाई थी। इस बैठक में महागठबंधन के तमाम विधायक को बुलाया गया था।
विधायक दल की बैठक में झामुमो, आरजेडी और कांग्रेस समेत सत्ता पक्ष के सभी विधायक अपने साथ एक टूर बैग लिए पहुंचे थे। जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बैठक खत्म होने के बाद विधायकों को कहीं शिफ्ट किया जा सकता है।
भीतर खाने की खबर यह है कि झारखंड के यूपीए की विधायकों को छत्तीसगढ़ में शिफ्ट किया जा सकता है। इसके पीछे तर्क यह भी दिया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मजबूत सरकार अपने विधायकों को सुरक्षित रखने में कामयाब रहेगी।
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गौरतलब है कि किसी भी वक्त राज्यपाल के फैसले के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी जा सकती है, इसके लिए झारखंड में पिछले 2 दिनों में 3 मर्तबा विधायक दल की बैठक बुलाई जा चुकी है। वहीं झारखंड में आए इस सियासी संकट के दौरान सरकार बचाने की जुगत में महागठबंध लगी हुई है।