नई दिल्ली। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों को मददगार तथा सहायक उपकरण वितरित करने के लिये नागपुर में एक ‘सामाजिक अधिकारिता शिविर’ का आयोजन किया गया। यह आयोजन नागपुर के रेशिमबाग ग्राउंड में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ‘उपकरणों की खरीद/फिटिंग के लिये दिव्यांग व्यक्तियों के लिये सहायता’ (एडीआईपी) योजना के तहत दिव्यांगजनों के लिये और ‘राष्ट्रीय वयोश्री योजना’ के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिये किया गया था। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने अलिमको, नागपुर नगर निगम और नागपुर जिला प्रशासन के सहयोग से शिविर का आयोजन किया था।
समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वितरण शिविर का उद्घाटन किया तथा केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार की उपस्थिति में अलग-अलग तरीके के सहायक यंत्रों का वितरण दिव्यांगजनों व वरिष्ठ नागरिकों को किया।
केंद्र सरकार की योजना के तहत 3483.00 लाख रुपये की कीमत के कुल 241200 मददगार और सहायक यंत्रों को 27356 वरिष्ठ नागरिकों तथा 7780 दिव्यांगजन लाभार्थियों को वितरित किया जायेगा।
इस अवसर पर नितिन गडकरी ने कहा कि समाज के वंचित लोगों तथा पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति की सेवा करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इन्हें शक्ति सम्पन्न बनाना सरकार का लक्ष्य है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि सरकार की योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचे। गडकरी ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार का आभार व्यक्त किया कि नागपुर शहर में उनके मंत्रालय के तहत सामाजिक कल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि उनके मंत्रालय ने नागपुर में पहला “दिव्यांग पार्क” स्थापित करने में हर संभव मदद की है तथा इस दिशा में काम जल्द शुरू हो जायेगा। इस “दिव्यांग पार्क” में दिव्यांगजनों के लिये विभिन्न प्रकार की सुविधायें उपलब्ध रहेंगी, जैसे संवेदी उद्यान, स्पर्श और सुगंध का अनुभव देने वाली फूलों की क्यारियों से युक्त मार्ग, कौशल प्रशिक्षण सुविधायें, पुनर्वास सुविधा, खेल व मनोरंजन आदि।
चरणबद्ध तरीके से उन चिह्नित वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजन लाभार्थियों को विभिन्न प्रकार के सहायक यंत्र वितरित किये जायेंगे, जिन्होंने एनएमसी और नागपुर जिला प्रशासन के सहयोग से अलिमको द्वारा आयोजित मूल्यांकन शिविरों के दौरान पंजीकरण कराया था। मूल्यांकन शिविरों का आयोजन नागपुर शहरी और ग्रामीण इलाकों के विभिन्न स्थानों पर किया गया था। लाभार्थियों की पहचान करने के लिये इस वर्ष फरवरी से मार्च के दौरान मूल्यांकन शिविर लगाये गये थे।