रायपुर। जून महीना खत्म होने को है, और सूबे में मानसून की बेरुखी से किसानों की पेशानी पर बल पड़ रहा है। ज़्यादातार इलाकों में बारिश नहीं के बराबर ही हुई है। सूबे में किसानों की बुआई का काम भी बारिश की बेरुखी की वज़ह से शुरू नहीं हो पाया है।
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दरअसल छत्तीसगढ़ में मानसून आने के बाद भी बरसात नहीं हो पाई है। जून महीने के आख़िर में अक्सर मानसून अपनी रफ़्तार पकड़ चूका होता है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। मौसाम की इस बेरुखी से जहां जनसामान्य गर्मी और उमस से हलकान है, वहीं किसान अपनी खेती को लेकर आसमान में टकटकी लगाए देख रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों कि मानें तो अब तक पुरे छत्तीसगढ़ में लगभग 160 MM बारिश हो जानी थी, लेकिन महज़ 117.6 MM बारिश हुई है। आंकड़ों के मुताबिक अब तक राज्य में 27 MM कम बारिश दर्ज़ की गई है।
जिलेवार आंकड़ों में अगर नज़र डाली जाए तो सूबे के 28 जिलों में से केवल 5 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज़ की गई है। बाकी सभी 23 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। कई जिले ऐसे भी हैं जहां बारिश की फुहार के लिए लोग तरस रहे है।
सीएम भूपेश ने जताई चिंता
इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सूबे कम हुई बारिश पर चिंता जताई है। सीएम बघेल ने कहा कि “बारिश नहीं होना सबसे ज्यादा चिंता का विषय, जून का महीना खत्म होने वाला है, ऐसे में अब तक जितनी बारिश होनी चाहिए थी उससे कम ही बरसात हो पाई है।
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ऐसे में प्रदेश के किसानों का कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है। सीएम ने आगे कहा कि मौसम की इस बेरुखी का खामियाज़ा हमे फसलों के नुकसान के रूप में उठाना पड़ सकता है।