नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस स्मृति दिवस पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने उन जवानों को भी याद किया जिनकी जान कोरोनाकाल ड्यूटी करते हुए गई। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए, गृह मंत्री ने कहा, “35,398 पुलिस कर्मियों ने आजादी से लेकर आज तक अपना बलिदान दिया है।
मैं उनके परिवार के सदस्यों को बताना चाहता हूं कि यह स्मारक केवल ईंटों, पत्थरों और सीमेंट से बना नहीं है, यह देश को यह भी याद दिलाता है कि शहीदों के खून की एक-एक बूंद ने भारत को विकास की राह पर आगे बढ़ाया है। यह उन लोगों की वजह से है जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया है, देश के लोग शांति से सो सकते हैं।”
On #PoliceCommemorationDay, I bow to the great martyrs who fought till their last breath to keep our nation safe.
Their commitment towards the motherland inspires each and every Indian.
We are proud of our police personnel for their distinguished service & unparalleled courage. pic.twitter.com/YWtFRHmUHu
— Amit Shah (@AmitShah) October 21, 2020
Covid-19 महामारी के कारण लॉकडाउन को लागू करने में पुलिस की भूमिका पर बोलते हुए, शाह ने कहा, “गृह मंत्री के रूप में, मैं गर्व से कह सकता हूं कि लॉकडाउन के दौरान, जब भी जरूरत होती है, पुलिस कर्मी मदद प्रदान करने के लिए थे।
भारतीय पुलिस Covid-19 के खिलाफ अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के रूप में लड़ी है। इसके लिए पूरे देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी सराहना की। Covid-19 महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई के दौरान कुल 343 कर्मियों ने अपनी जान गंवाई है। जिनकी वज़ह से आज देश में कोरोना संक्रमण पर भी काबू पाया जा स्का है।”
शाह ने आगे कहा कि “त्योहारों के दौरान भी पुलिस कर्मियों को 24×7 सतर्क रहना पड़ता है। जब लोग त्योहार मनाते हैं, तब भी एक पुलिसकर्मी को ड्यूटी पर रहना पड़ता है।” शाह ने 21 अक्टूबर, 1959 को लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सेना द्वारा घात लगाकर अपनी जान गंवाने वाले दस केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को श्रद्धांजलि दी। उनके बलिदान को स्मरण करने के लिए है कि 21 अक्टूबर को से पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।