भिलाई। महिला आयोग ने सोमवार को जनसुनवाई के दौरान में अंतरजातीय विवाह (BHILAI NEWS) के प्रकरण में अहम फैसला सुनाया है। आयोग की समझाइश के बाद अनावेदकों ने स्वीकार किया है कि आवेदिका और उसके परिवार को मिलाने की प्रक्रिया गांव में समाज के लोगों के सामने की जाएगी। इस दौरान अधिवक्ता तुलसी साहू समेत अन्य मौजूद रहेंगे।
सभा में आवेदिका को अपने पति व बच्चेे के साथ उपस्थित होने के निर्देश भी दिए गए हैं। अनावेदकगण गांव समाज के बीच में आवेदिका एवं उसके परिवार को सामजिक बहिष्कार को वापस लेने की घोषणा करेंगे। आवेदिका पक्ष से ली गई सहयोग राशि 7 हजार और 11 सौ रुपए भी वापस की जाएगी। आदेश का पालन नहीं करने पर अनावेदकगण के खिलाफ धारा 384 और नागरिक संरक्षण अधिनियम 1905 के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
प्रकरण (BHILAI NEWS) में पीड़िता का बयान था कि साल 2010 में उसने अंतरजातीय विवाह किया था, जिसके बाद गांव वालोें ने उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया। इस वजह से उसने महिला आयोग से गुहार लगाई। बताया था कि शादी के 5 वर्षों के बाद भी समाज में मिलाने के लिए 50 हजार से 1 लाख की मांग की जा रही है।
महिला काे संपत्ति से बेदखल करने की कोशिश
इसी तरह दूसरे प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके बच्चो को अनावेदकगण (BHILAI NEWS) द्वारा परेशान किया जा रहा है। पति की मृत्यु के बाद आवेदिका अपने पति की पैतृक संपत्ति वाले मकान के एक हिस्से में निवास करती है। यहां अनावेदक द्वारा आवेदिका को यह कहकर परेशान किया जा रहा है कि उसका विवाह असैंवधानिक है और बच्चा भी मृतक पति से नहीं है। ऐसा कहकर उसे घर की सपंत्ति से बेदखल करने की कोशिश की जा रही है। आयोग की समझाईश पर दाेनों पक्षों के बीच सुलह हो गई।
अधिवक्ता के खिलाफ केस हुआ खारिज
तीसरे प्रकरण (BHILAI NEWS) में आवेदिका ने दूसरी बार अपने पति व ससुर के अधिवक्ता के खिलाफ केस किया है। आवेदिका का बयान था कि न्यायालय के बाहर अधिवक्ता द्वारा उस पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। आयोग द्वारा पाया गया कि आवेदिका के पास थाने या अधिवक्ता संघ में कोई भी लिखित दस्तावेज नहीं है। इसलिए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है। सुनवाई में अधिवक्ता रामकली यादव, नीलू ठाकुर, रत्ना नारमदेव उपस्थित रहे।