रायपुर। कहते है विकास अपने साथ विनाश भी लाती है। ये कहावत सच साबित हो रही है। कोरोना काल में घर में रहने की सलाह देश के प्रधानमंत्री से लेकर सभी वरिष्ठजन, चिकित्सक और अफसरों ने दी है। वहीं वैज्ञानिकों ने भी घर में रहने पर ही भलाई के पीछे कई तर्क दे डाले। अब ऐसे में त्योहारों की खरीदारी के लिए ऑनलाईन का बाजार गुलज़ार हुआ है।
नवरात्रि की शुरुवात से ही कई बंपर ऑफर और स्किम के साथ ऑनलाइन बाजार सज़ा। सस्ती क़ीमत पर बेहतरीन प्रोडक्ट का दावा और वादा भी हर कोई ठोक रहा है, जमकर खरीदारी भी हो रही है पर इन सब के बिच अपनी दुकानों में ग्राहकों की आस लगाए कारोबारी अब तक खाली हाथ है।
बात अगर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की जाए तो 50 फीसदी लोग यहाँ ऑनलाइन की खरीदी को प्राथमिकता दे रहे है। इनमें शेष जो है उनमें से 15 फीसदी के पास ऑनलाइन बैंकिंग या ऑनलाइन खरीदी के लिए उचित संसाधन नहीं है। वहीं शेष 25 फीसदी लोग ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो चुके है। यानी खरीददारी के लिए केवल 40 फीसदी लोग ही बाजारों की ओर रुख करते है।
ये बाजार हुए चौपट
ऑनलाइन बाजार में सबसे बड़ा कारोबार इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम और होम एम्प्लाएंसेस का है। जिसमें टीवी, होम थिएटर, फ्रिज, वाशिंग मशीन, ओवन समेत तमाम होम एप्लाएंस मिलते है। वही गैजेट्स में हेडफोन, मोबाईल फोन, मोबाईल गैजेट्स, वॉच, गॉगल्स, जैसे कई आइटम की खरीददारी ऑनलाइन ज़्यादा होती है। ऐसे में इन सभी सामानों के लोकल बाजार पर सीधा असर दिखाई पड़ता है। इसके आलावा कपड़े और जूतों के बाजार पर भी ऑनलाईन बाजार का बोलबाला है।
होती है धोखाधड़ी
ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान हुई धोखाधड़ी की खबरे भी लगातार दिखाई दे रही है। बीतें साल ऑनलाईन बाजार से खरीदे गए सामानों की वापसी का आंकड़ा भी बढ़ा है। प्रोडक्ट सेटिफेक्शन नहीं होने की वज़ह से लोग अपना सामान वापस भी करते है। सामान की वापसी पर पेमेंट रिफंड के लिए भी काफी समय लगता है, जिसकी वज़ह से कई लोग अब ऑनलाईन बाजार पर भरोसा नहीं कर पा रहे थे। लेकिन कोरोना की वज़ह से एक बार फिर ऑनलाईन बाजार ज़ोर पकड़ रहा है।
क्या कहते है कारोबारी
रविभवन के मोबाइल कारोबारी विक्रम राज ने बताया कि “एक दौर था जब ऑनलाईन का बाजार चला था। लेकिन इसके ज़रिए हुए फ्रॉड, प्रोडक्ट सटिस्फेक्शन और भरोसा खोने की वज़ह से अब एक बार फिर लोकल बाजार में रौनक लौट रही है। हालाँकि अब भी बड़ी संख्या में लोग ऑनलाईन खरीददारी कर रहे है, पर इसका असर अब लोकल बाजार पर उतना नहीं पड़ता।”
कपडा कारोबार करने वाले विक्की रत्नानी ने कहा कि ” फिलहाल तो कोरोना की मार ज़्यादा भारी पड़ रही है। कपडे की खरीदारी कम है। ऑनलाईन बाजार थोड़ा ज़्यादा है, पर धंधा कुल मिला कर अभी मंदा चल रहा है। “